प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय पिश्वपिद्यालय (BK Godfatherly Spiritual University) — पिि बाबा की अंपतम पिक्षाएँ — (Final Teachings of Shiv Baba) “ मीठे बच्चो, संगम युग के महान समय को ऐसे सफल करो ” ~ ब्राह्मण आत्माओ के पलए पििेष ज्ञान-योग-िुरुषार्थ की अनमोल पकताब ~ An eBook of Purusharth to print and revise Telecasted by: Peace of Mind TV | Book Created by: Shiv Baba Service Initiative (www.bkgsu.com) यह मधुबन से आये हुए PMTV द्वारा ममले मिशेष पु रुषार्थ स्वयं परममपता मशि बाबा द्वारा प्रेररत है । इसे बहुत ध्यान से पढ़े । समय अनुसार बाबा के अव्यक्त इशारे भी आपको इसी में ममलेंगे। सभी पुरुषार्ी ब्राह्मण आत्माए इस मकताब का लाभ उठाए (print करें ) और अपने पुरुषार्थ में गमत और सु धार लाए। Daily Purusharth inspired by Shiv baba (God, the Supreme father) for present time's special and rewarding Purusharth. These inspirations are directly given by Shiv baba during Amritvela Yog and were broadcasted from madhuban through PMTV (Peace of mind TV). Visit: www.brahma-kumaris.com | www.bkgsu.com (Our Main Website) BK Google: www.bkgoogle.com (Our Search engine) First Edition: 22nd March, 2020 Published by: The Shiv Baba Service Initiative, Prajapita Brahma Kumari Ishwariya Vishwa Vidhyalay Online available at: ‘PDF books’ section of our main website (OR visit: www.brahma-kumaris.com/books) Hindi eBooks ➜ मशि बाबा की अंमतम मशक्षाएँ (Final Teachings) No copyright (Shiv baba’s knowledge is for every soul). इस eBook को सभी ब्राह्मण आत्माओ को SHARE करे । Via WhatsApp, email, social media. Visit: www.brahma-kumaris.com | www.bkgsu.com (Our Main Website) BK Google: www.bkgoogle.com (Our Search engine) PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” Om Shanti 08.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ आज बाबा बच्चों के पुरूषाथर् को देख रहा था..., तो बाबा ने देखा िक बच्चे मेहनत कर रहे है...! परन्तु बच्चे, अब आप बच्चों को मेहनत नहीं करनी, अब आपके अंदर ज्ञान, योग, धारणा, सेवा समा गयी है। बस स्वयं पर attention ही रखना है और बहुत सहज रीित आगे से आगे बढ़ना है...। िफर बाबा ने कहा ... िनश्चय, समपर्ण भाव और धैयर्ता - यहीं गुण कहो ... शिक्त कहो ... आप बच्चों को मंिज़ल पर पहुँ चाएगी...। देखो बच्चे, बाप (परमात्मा िपता) इस समय आपके छोटे से छोटे काम के िलए भी हािज़र है...। बस आप बाप को बता िनिश्चन्त होकर बैठ जाओ...। परन्तु होता क्या है..., जब आप कोई छोटा-सा कायर् बाबा को बोलते हो और वो जल्दी से नहीं होता तो आप स्वयं करने लग जाते हो...! परन्तु उस समय आप बाप पर 100% िनश्चय रखो...। यिद वो कायर् उस समय नहीं हो रहा है, तो उसमें केवल आप बच्चों का ही कल्याण है...। यिद बाप को कहने के बाद नहीं हो रहा और आपके करने से हो जाता है तो short term के िलए तो सफलता िमलेगी परन्तु हमेशा के िलए नहीं...! इसिलए अपनी शान्तिचत्त अवस्था बनाये रखो..., love and light का अभ्यास करते रहो...। बच्चे, यह ज्ञान और योग ठीक रीित करने पर आप बच्चों में accuracy, awareness और balance आएगा ... अथार्त् आपकी बुिद्ध सभी directions पर कायर् करेगी ... इसिलए इस बात पर भी attention दो...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 1 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” योग में मस्त होना अच्छा है, लेिकन इतना मस्त नहीं होना िक आप अपनी िज़म्मेवािरयों से ही पीछे हट जाओ ... अथार्त् िजस समय, िजस कायर् की ज़रूरत है अथार्त् िजस कायर् से आपके पिरवार के सदस्य satisfied रहते है, वो कायर् भी करो..., तािक आपके पिरवार का खुशी भरा वातावरण आप सबको उड़ा दे...। महीनता से इस point को समझना है...। इसिलए बच्चे, अब स्वयं के पुरूषाथर् पर और बाप (परमात्मा िपता) पर, 100% िनश्चय रख धैयर्तापूवर्क चलो...। जो यह िवश्व-पिरवतर्न का कायर् हो रहा है, वह कोई छोटा कायर् नहीं है...! और इस समय यह कायर् बहुत speed से चल रहा है अथार्त् internally सारी तैयारी हो चुकी है ... बस प्रत्यक्ष होने ही वाली है...। बस बच्चे, आप 100% समपर्ण हो, बाप पर िनश्चय रख आगे से आगे बढ़ो ... िबल्कुल अचानक ही पिरवतर्न हो जायेगा...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 09.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ आज बाबा ने कहा िक बच्चे सोचते हैं िक हमारा योग बहुत powerful लग रहा है, तो योग में और क्या करे◌े◌ं ...? तो बाबा ने कहा िक अगर बाबा बच्चों को कहें िक आप अपने powerful vibrations का प्रयोग करो ... वृित से अपने आस-पास के वायुमण्डल का, आत्माओं का पिरवतर्न करो और बच्चे यह कायर् करें, और यिद उन्हें सफलता जल्दी नहीं िमलती तो बच्चे सोच में पड़ जाते है...! “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 2 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” परन्तु बच्चे, हर कायर् धैयर्तापूवर्क ही होता है...। हर बुराई की अित के बाद अन्त होती है। इन सब बातों का ज्ञान ना होने के कारण बच्चे मूंझ जाते हैं। इसिलए बाबा बच्चों को कहता है िक आप सहज रीित स्वयं पर attention दे आगे बढ़ते रहो...। बच्चे, िकसी भी कायर् में सदा के िलए सफलता चाहते हो तो जो भी result िमल रही है उसकी परवाह िकये िबगर आगे बढ़ो ... और आपके िनिश्चन्त होते ही आपको आपके कायर् में भरपूर सफलता िमलनी शुरू हो जायेगी...। ‘िनश्चय और धैयर्ता’ - यही सफलता की चाबी है। इसे बाबा दृढ़ता भी कहता है अथार्त् कुछ भी हो मुझे अपना कायर् करते ही रहना है ... डगमग नहीं होना...। बाबा ने देखा िक बच्चों ने तपस्या की है, वो भी िबल्कुल बाप की श्रीमत प्रमाण ... बाप के सपूत बच्चे का सबूत िदया है और बाप भी बच्चों के िलए यही गीत गा रहा है िक वाह बच्चे वाह, वाह मेरे सपूत बच्चे वाह...। ज्ञान की महीनता को समझ स्वयं पर attention के आधार पर बच्चों ने स्वयं में बहुत पिरवतर्न िकया है ...और इस सफलता का major आधार है - ‘िनश्चय और धैयर्ता’...। िजस तरह बच्चे ‘एक बल - एक भरोसा’ हो चले हो, तो सफलता है ही है...। तो बच्चों ने कहा; बाबा हम भी हमेशा वाह बाबा वाह के गीत गाते है ... और आपके सहयोग से ही हम यहाँ तक पहुँ चे है...। तो बाबा ने कहा िक बाबा (परमात्मा िपता) अपने सपूत बच्चों के साथ हर पल है और उनकी िवजय तो िनिश्चत ही है...। बस बाबा तो िनिमत्त बन अपना part बजा रहा है...। बस बच्चे, इसी तरह उमंग-उत्साह में रह आगे बढ़ो ... बस मंिज़ल अब कुछ ही कदम पर है...। सभी बच्चे बाप पर 100% िनश्चय रखें...। सभी श्रेष्ठ आत्माएं है और सभी का part ऊँचा है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 3 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” इसिलए हमेशा बाप पर 100% िनश्चय रख, िनिश्चन्त रह, आगे बढ़ो...। जब परमात्मा बाप साथ में हैं, तो िवजय तो है ही है...। देखो, अब problems के बारे में सोचना बन्द करो ... प्रािप्तयों के बारे में सोचो...। बस आगे प्रािप्तयां ही प्रािप्तयां है ... नाचो, गाओ, खुिशयां मनाओ ... वाह बच्चे वाह...! अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 10.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, स्वयं पर full attention रख love and light के साथ-साथ purity का भी अभ्यास करते रहो ... और सदा अपनी स्व-िस्थित के आसन पर अथार्त् एकरस िस्थित के आसन पर िस्थत रहो...। कुछ भी सोचो मत अथार्त् प्रभाव-मुक्त ... अथार्त् िकसी भी बात का, िकसी भी atmosphere का, िकसी के भी स्वभाव-संस्कार का, कोई भी िकसी भी तरह के कमज़ोरी के प्रभाव से मुक्त ... अथार्त् िकसी भी बात को या कायर् को कहते, करते, सुनते - no effect - इसमें मूंझो मत...। देखो बच्चे, कोई भी अच्छी वा बुरी बात का पता तो चलेगा, परन्तु आपके संकल्पों में ना चले...। एक दम शांतिचत्त बन वरदानी मूतर् बन जाओ...। कोई भी अकल्याण की बात वा जो बात आपके according ना हो, तो भी उसके प्रित शुभ भावना, शुभ कामना अथार्त् अकल्याण को भी, ज्ञान के point को use कर, कल्याण में पिरवतर्न कर दो...। देखो, जब बाप (परमात्मा िपता) है ही साथ में तो कल्याण है ही है...। इसिलए 100% िनश्चय, िफर िनिश्चन्त अवस्था...। िनिश्चन्त अवस्था है तो िवजय हुई ही पड़ी है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 4 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बस, इसके िलए 100% समपर्ण भाव रखो। खुद को भी बाप को समपर्ण कर दो ... अथार्त् जहाँ िबठाये, जो िखलाये ... जहाँ रखे, तेरी मज़ीर्...। बच्चे, बाप के हर बोल पर 100% िनश्चय रख आगे बढ़ते जाओ, क्योंिक आपको पता नहीं चल रहा है िक पाँच तत्वों से बनी दुिनया जोिक इस समय िबल्कुल तमोप्रधान हो गयी है, वो सतोप्रधान िकस तरह बनती है..., जबिक आप बच्चे ही िनिमत्त बनते हो...। परन्तु इस दुिनया के पिरवतर्न की िविद्ध को ना जानने के कारण मूँझ जाते हो। जो यह बात बाप बार-बार कह रहा है िक ‘आप ही हो’ अथार्त् आप ही हो िवश्व-पिरवतर्न कतार्..., बच्चे अब आप ‘पहुँ चे की पहुँ च’े अथार्त् अपनी सम्पूणर्ता की मंिज़ल के समीप, पहुँ चे की पहुँ चे...। यह दोनों बात 100% सत्य है ... और यही संकल्प मंिज़ल पर पहुँ चने के आधार है...। इसिलए िनश्चयबुिद्ध बन, िनिश्चन्त रह, इस संकल्प को धारण कर तीव्र गित से आगे बढ़ो ... बस अब शुभ िदन आयो रें..., शुभ िदन आयो रें...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 11.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, आप शरीर नहीं आत्मा हो, और आित्मक दृिष्ट से सारा संसार ही आपका पिरवार है। अब बस इस अिन्तम जन्म में गृहस्थ व्यवहार में रहते आपको स्वयं पर attention ही रखना है िक मेरी वज़ह से कोई भी आत्मा असंतुष्ट ना हो ... और आप िजस पिरवार में रहते हो, उन सदस्यों की िज़म्मेवारी बुिद्ध से बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर दो...। देखो, अब सब कुछ सम्भालने परमात्मा बाप आ गया है ... और उसे पता है िक िकस रीित उसको सम्भालना है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 5 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” यिद आप अपनी िज़म्मेवारी समझोगे तो आपके सम्बन्ध में आने वाली आत्माओं के साथ-साथ आपका भी िहसाब-िकताब बन जायेगा, जो िफर आपको स्वयं ही चुक्तु करना पड़ेगा...! अब सब कुछ बाप (परमात्मा िपता) हवाले करने में आपका भी कल्याण है और आपके सम्बन्ध में आने वाली आत्माओं का भी...। इसिलए बच्चे, आप िनिश्चन्त हो जाओ...। आपका बाप स्वयं आ गया है, आप बच्चों की िज़म्मेवारी संभालने...। िफर बार-बार, सोच-सोच कर क्यों भारी हो जाते हो...? जो थोड़ा बहुत िहसाब-िकताब है, वो सहज रीित चुक्तु करो अथार्त् बार-बार बाप को समपर्ण कर अपनी seat पर set होने का अभ्यास करो...। अब अपना िहसाब-िकताब मत बनाओ। यह ना हो िक समय पिरवतर्न हो जायें और आपको पश्चाताप करना पड़े...! अब बस समय पिरवतर्न हुआ की हुआ...। इसिलए बच्चे, इस समय सबसे अिधक ज़रूरी है अपनी एकरस अथार्त् शांतिचत्त िस्थित में िस्थत रहना। आपको अपनी यह seat िकसी भी कारण से नहीं छोड़नी है ... चाहे कुछ भी हो जायें...! देखो बच्चे, एकरस िस्थित आपकी बाप-समान िस्थित है ... इस िस्थित में जब आप िस्थत होते हो तो आपके साथ बाप है ही है ... और जब आप योग लगाने के िलए वा िकसी भी कारणवश संकल्पों में क्या, क्यों, कैसे, ऐसे, वैसे वा कब तक लाते हों, तो आप बाप से दूर अथार्त् अपनी मंिज़ल से दूर हो जाते हो...। इसिलए सदा प्रेमस्वरूप बनकर रहो ... कोई भी बड़े से बड़ा कारण आपको आपकी िस्थित से ना िहलाये...। बस बच्चे, आप मंिज़ल के समीप ही हो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 12.07.2018 “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 6 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, अब जल्दी से बाप-समान बन, बाप (परमात्मा िपता) की बाँहो में समा जाओ...। (तो बच्चों ने कहा ... बाबा, हमें भी बहुत जल्दी है िक हम भी आप-समान बन आपकी बाँहो में समा, अितिन्द्रय सुख का अनुभव करें...) िफर बाबा ने कहा... बच्चे, इसके िलए प्रवृित में रहते यह ध्यान रखना है िक आपको एक तो सदा एकरस िस्थित में िस्थत रहना है, दूसरा जो आपने अपना तन, मन, धन, जन ... बुिद्ध से िशवबाबा को समिपर् त िकया है, तो उसमें िफर आपकी आसिक्त ना हो, अथार्त उसमें मन-बुिद्ध ना जाये...। देखो बच्चे, जो आपने तन बाबा को समपर्ण िकया है, िशवबाबा आपसे भी अच्छी तरह इस तन की संभाल भी करेगा और सहज रीित िहसाब-िकताब चुक्तु करवा देगा...। इसी तरह मन में जो संकल्प आये वो भी बाप को सौंपने पर बाप आपके संकल्पों को श्रेष्ठ बना देगा, शुभ भावना ... शुभ कामना से संपन्न कर देगा ... और आपको कभी भी धन की भी कमी नहीं होने देगा ... और साथ ही आपको ज्ञान-धन से भी इतना भरपूर कर देगा िक आप जन्म-जन्मान्तर तक धन-धान्य सम्पन्न बन जाओगे...। जन अथार्त् सम्बन्ध-संपकर् में आने वाली आत्माओं की भी अच्छी रीित संभाल कर, उनके सहज रीित िहसाब-िकताब चुक्तु करवा अपने साथ ले जायेगा...। इसिलए बच्चे, आपको सम्पूणर् रीित समपर्ण होना है...। यिद अभी भी इनमें आपका समय गया या मन-बुिद्ध गई, तो आप फँस जाओगे और दूसरा आपको बहुत ज्यादा िनश्चय भी होना चािहए...। जैसे एक छोटे बच्चे को माँ-बाप पर संपूणर् िनश्चय होता है, तो माँ-बाप भी बच्चे की इतनी संभाल करते हैं िक जब भी कोई problem आती है तो वो तुरंत ही अपने बच्चे को अपनी गोदी में िछपा लेते हैं..., जैसे रास्ते में कीचड़ आये तो भी, सफर में कोई गन्दा side scene आये तो भी, माँ-बाप अपने बच्चे को गोदी में िछपा लेते है िक मेरा बच्चा ना देखें...। अथार्त् वो अपने से ज्यादा अपने बच्चे का ध्यान रखते हैं...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 7 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” िशवबाबा तो हमेशा बच्चों के श्रेष्ठ भाग्य के गीत गाता है, और बच्चों पर नज़र पड़ते ही बाबा वाह वाह बच्चे..., कहता है...। इस तरह आपको भी अपने ऊँच से ऊँच, श्रेष्ठ से श्रेष्ठ स्वमान में िस्थत हो, श्रेष्ठ से श्रेष्ठ अथार्त् बाप-समान बन जाना है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 13.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ आज बाबा ने भक्तों और बच्चों में फकर् बताया िक भक्त भी भगवान् को याद करते है और इसके साथ छोटी-छोटी इच्छाएं रखते है और वो बाप को पूरी रीित जानना भी नहीं चाहते ... अथार्त् उन्होंने द्वापर से सच्ची भिक्त अथार्त् िनःस्वाथर् भिक्त, नहीं की होती...। िजस कारण मैं परमात्मा िशव, भी उनकी वो ही इच्छा पूणर् कर उनकी भिक्त का फल उन्हें उसी समय दे देता हूँ ...। भगवान को तो जोिक सभी आत्माओं का बाप है इसिलए सभी बच्चों को उनकी तपस्या का 100% फल देना पड़ता है ... चाहे वो भक्त, भगवान के द्वारा प्राप्त वरदान को दुरूपयोग करें ... तब भी भगवान सब कुछ जानते हुए भी उसे उसकी तपस्या का फल देता ही है...। और यहाँ तो स्वयं भगवान बाप बन, आप मीठे -मीठे , प्यारे बच्चों को जन्म-जन्म की तपस्या का फल direct देने आ गया है...। यह माला में number fix होना, एक जन्म की प्रालब्ध नहीं है, बिल्क द्वापर से लेकर बजाए गये part की प्रालब्ध है...। आप बच्चे जोिक द्वापर से ही सच्ची भिक्त करते हो अथार्त् िनष्काम भिक्त, िजसकी एवज में मैं (परमात्मा िशव) तुम्हें बाप रूप में िमलता हूँ और तुम्हें ऐसा ज्ञान कहो, समझानी कहो देता हूँ , िजससे तुम नम्बरवार मेरे समान बन जाते हो...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 8 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” मैं तुम्हारी छोटी-छोटी इच्छाएं नहीं पूरी करता, बिल्क तुम्हें इतना योग्य बना देता हूँ िक तुम अपने साथ- साथ सारे िवश्व की आत्माओं की इच्छा को पूणर् कर देते हो...। यिद मैं बीच-बीच में तुम्हारी इच्छायें पूरी करने लग जाऊँ, तो तुम्हारी तपस्या का फल कम हो जाता है...। इसिलए मैं बार-बार कहता हूँ िक आप समपर्ण हो जाओ अथार्त् इन सभी पिरिस्थितयों को मुझे समपर्ण कर दो ... अथार्त् आप बेिफक्र हो जाओ...। और जब आप इच्छा-मुक्त या पिरिस्थित-मुक्त हो जाते हो, तो आपमें इतनी power आ जाती है िक आपके संकल्प कायर् करने लग जाते है, अथार्त् आपके powerful vibrations आपके आस-पास, आपके अनुकूल वातावरण बना देते है...। अन्यथा आप छोटी-छोटी पिरिस्थित में फँस मैं और मेरे में आ जाते हो...। इसिलए बाबा कहता है... िनरसंकल्प हो जैसे बाप कहता है, वैसे करो ... तब ही आप सभी चीज़ों से अथार्त् इस पाँच तत्वों की दुिनया के प्रभाव से िनकल बाप-समान बन सकते हो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 14.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, मन और बुिद्ध के मािलक बन इन्हें अपने order से चलाओ...। यिद अभी भी, कभी आप मािलक बनो ... और कभी मन-बुिद्ध..., तो वह ठीक नहीं है...। यिद अभी भी आप स्वराज्य अिधकारी अथार्त् अपने मन-बुिद्ध के राजा नहीं बनोगे, तो ना ही बाप के िदलतख्तनशीन बनोगे और ना ही िवश्व-अिधकारी बन पाओगे...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 9 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बच्चे, आपको इस दुिनया के सभी साधनों से वैराग्य आ जाना चािहए, नहीं तो अंत समय यह साधन आपको अपनी तरफ खींचेगे...। • इन साधनों से क्या प्राप्त करना चाहते हो...? • क्या इच्छा रह गयी है...? • दुिनया के समाचार जानना चाहते हो या अपना time paas करने के िलए इन्हें use करते हो...! • क्या बाप से यह सब प्रािप्त नहीं होती...? • या आप स्वयं से या बाप से bore हो जाते हो...? • या सोचते हो िक एक second तो लगता है...! परन्तु बच्चे, आपका एक-एक second बहुत बहुमूल्य है ... और िफर पूरे कल्प में ऐसे बाप (परमात्मा िपता) का साथ नहीं िमलेगा...! अितिन्द्रय सुख का गायन ही गोप-गोिपयों का है ... और सवर् प्रािप्त अभी की, और भिवष्य में भी िशव बाप से ही होनी है...। इसिलए full attention दो ... मनन-िचंतन करो ... बाप से रूह-िरहान करो ... मन्सा सेवा करो ... और शांित में बैठ यह अभ्यास बढ़ाते चलो...। बच्चे, बाबा बार-बार कह रहा है - ‘अभी नहीं, तो कभी नहीं’...। यिद आप मजबूरी से कोई कायर् करते हो, तो वो भी जमा हो जाते है ... और यिद मन से करते हो तो नीचे की तरफ आ जाते हो...। इसिलए हर बात को परखकर बड़ी युिक्त-युक्त ढंग से चलते चलो...। बच्चे, प्रवृित में रहते बड़े युिक्त-यक्त ढंग से चलना पड़ता है, इसिलए आप बच्चों को अपने गुणों और शिक्तयों की seat से कभी भी नहीं उतरना है...। अच्छा। ओम् शािन्त। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 10 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” Om Shanti 15.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ आज बच्चों ने बाबा से कहा िक बाबा, हम अपना 100% दे पुरूषाथर् कर रहे है ... हमारे अंदर एक ही लगन है िक बाप-समान बनना ही है। इतना पुरूषाथर् करने के बाद भी वो powerful िस्थित नहीं बन रही है...? Light की dress में रहने का भी अभ्यास करते है ... और आपकी छत्रछाया के नीचे रहने का भी अभ्यास करते है..., परन्तु दोनों एक साथ नहीं कर पाते...! तो बाबा ने कहा... बच्चे, िशवबाबा की नज़र हर पल आप बच्चों पर ही है। बाबा देख रहा है िक बच्चों के अंदर एक ही लगन है परन्तु मगन होने में नम्बरवार है...। यिद बच्चे, आप अपना 100% दे पुरूषाथर् करते हो और आपके ऊपर अपना full attention है, तो बाप की guarantee है िक बाप आपको अपने समान बना साथ ले जायेगा...। यह अभ्यास नया होने के कारण आप लोगों को थोड़ा मुिश्कल लगता है, परन्तु जैस-े जैसे अभ्यास बढ़ाते जाओगे उतना ही सहज हो जायेगा और पहले से सहज हुआ भी है...। और जब आप light house - might house िस्थित में िस्थत होते हो, तो automatically आपका connection main power house के साथ हो जाता है...। इसिलए ज्यादा सोचो मत, ज्यादा सोचने पर िदलिशकस्त हो जाते हो। वैसे भी िहसाब-िकताब clear करने का समय होने के कारण िस्थित ऊपर-नीचे होती है, परन्तु आपका full attention होने के कारण आप तुरन्त अपनी seat पर set हो जाते हो...। इसिलए अपने पर िनश्चय रखो। आप ही कल्प-कल्प के िवजयी रत्न हो...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 11 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बस मैं और मेरे-पन का त्याग कर, बाबा पर 100% िनश्चय रख, हल्के हो, आगे से आगे बढ़ते चलो ... ज्यादा सोचो मत ... कैसे होगा ... कब होगा ... मैं कर पाऊँगा या नहीं...! स्वयं से संतुष्ट रह अथार्त् अपने पुरूषाथर् से संतुष्ट रह, बीती को िबंदी लगा, परमात्मा बाप की याद की लगन में मगन रहो...। बाबा हर पल आपके साथ है अथार्त् बाप भी आपको स्नेह, सहयोग और शिक्त दे रहा है, िफर तो हुआ ही पड़ा है ना...! इसिलए अब कोई हलचल नहीं, एकदम संतुष्ट, अचल, अडोल और एकरस रहना है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 16.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, आप हो एक आत्मा अथार्त् संकल्प शिक्त अथार्त् point of energy अथार्त् आत्मा...। एक तरफ हो आप थोड़ी-सी आत्मायें िजन्हें बाप तैयार कर रहा है...। उन्हें ऐसी पढ़ाई पढ़ा रहा है िजससे उनके अंदर केवल positive संकल्प ही होंगे, कोई mixture नहीं ... ना ही कोई साधारण संकल्प ... ना ही कोई व्यथर् ... सदा उमंग, उत्साह, सफलता, खुशी से भरे हुए ... बेहद के कल्याण के िनिमत्त powerful संकल्प...। और दूसरी तरफ, सारे िवश्व की आत्मायें, व्यथर्, negative और साधारण संकल्पों से भरपूर ... परन्तु इस समय वो सभी आत्मायें हार चुकी है, थक चुकी है, िनराश हो चुकी है और उनकी हर खुशी और सफलता क्षण भंगुर है ... उनके अंदर हर समय एक डर समाया हुआ है ... अथार्त् उनकी आसुरी शिक्तयां शिक्तहीन हो चुकी है और इधर आप आत्मायें िदनों-िदन शिक्तशाली होती जा रही हो, क्योंिक आपका स्वयं पर attention हर पल का है और आप बच्चों ने अपने इस पाँच तत्वों रूपी वस्त्र में भी अंदर-रीित (अथार्त् internally) काफी पिरवतर्न कर िलया है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 12 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बस थोड़े से attention से ही सारा कायर् हो जायेगा अथार्त् आपकी ईश्वरीय ताकत आसुरी ताकत पर िवजय प्राप्त कर लेगी अथार्त् उन्हें तमोप्रधान से सतोप्रधान बना देगी...। अभी भी आपकी शिक्तयों ने आसुरी शिक्तयों को िबल्कुल कमज़ोर कर िदया है ... बस आप सब बच्चों का एक powerful िस्थर संकल्प, पिरवतर्न का संकल्प सब कुछ पिरवतर्न कर देगा...। बस बच्चे, बाप (परमात्मा िपता) को, बाप की िशक्षाओं को संग रख, love and light के अभ्यास को करते आगे बढ़ो ... िवजय हुई ही पड़ी है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 17.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, आपका लक्ष्य बहुत ऊँच है अथार्त् आप मनुष्य से देव और देव से भगवान समान बनने का पुरूषाथर् करते हो ... अथार्त् आप सारी दुिनया के रचियता परमिपता परमात्मा के समान इस दुिनया में रहते बनना चाहते हो। जबिक इस दुिनया की मनुष्य आत्मायें, द्वापर से ही परमात्मा से िमलने के िलए या उनके क्षण भर के दशर्न के िलए अपना पूरा जीवन ही लगा देती है। परन्तु आप मुट्ठी भर बच्चे, परमात्मा बाप की श्रीमत पर सच्चे मन से, पूरी लगन से चल, बाप-समान बन जाते हो...। आपका बाप के प्रित समपर्ण भाव ही आपको, आपके लक्ष्य तक पहुँ चाता है। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 13 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” यह समय की भी बिलहारी है, जो केवल इस समय ही कोई-कोई आत्मायें ही बाप (परमात्मा िपता) को पहचान बाप-समान बनने का attention देती है। और केवल योग्य आत्मायें ही नम्बरवार बाप-समान बन सकती है। योग्य अथार्त् जो आत्मायें बेहद में सोचे और सच्चे िदल से िनश्चय और धैयर्ता को अपना आधार बना आगे बढे़...। ऐसे बच्चों को ही बाप का हर कदम में full सहयोग िमलता है ... अथार्त् भगवान बाप ऐसी आत्माओं को ही अपने समान बना लेता है, अन्यथा भगवान तो सबका बाप है...! कई बच्चे सोचते है िक पता नहीं िकतना समय अभी और लगेगा...! देखो बच्चे, बाप की शिक्तयाँ अपरमअपार है, इसके कारण बाप की मिहमा भी अपरमअपार है...। बाप-समान बनने के िलए आपको स्वयं को इतना योग्य तो बनाना ही पड़ेगा िक आप बाप की दी गई शिक्तयों को स्वयं में सही रीित धारण कर, उसे सही रीित use कर सको...। बस बच्चे, बाप पर िनश्चय रख आगे बढ़ो, आप ही कल्प-कल्प के िवजयी हो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 18.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, बाप-समान बनना सहज नहीं है..., इसके िलए 100% त्याग, तपस्या अथार्त् समपर्ण भाव चािहए ... 100% िनश्चय चािहए ... क्योंिक हर कायर् सूक्ष्म है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 14 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” इस स्थूल नेत्रों से कुछ िदखाई नहीं देता, परन्तु यहाँ है परमिपता परमात्मा, सवर् कल्याणकारी, पालनहार भगवान जोिक अपने बच्चों की छोटी-बड़ी हर समस्या को सहज ही अथार्त् हर तूफान को तोहफे में पिरवतर्न कर देता है..., बस wait and watch की आवश्यकता है...। भक्तों को भिक्त का फल जल्दी िमलता है, परन्तु बच्चों को हर तरह का त्याग कर अपना 100% दे तपस्या कर, कई तरह के papers देने पड़ते है, तब ही बच्चे अपने aim को प्राप्त कर अपनी प्रािप्तयों को, जोिक अपरमअपार है, को प्राप्त करते है...। जैसे एक बच्चा, थोड़ी-सी मेहनत कर कमाने लग जाये, तो थोड़ी-सी मेहनत से थोड़ी बहुत प्रािप्त होनी शुरू हो जाती है...। दूसरी तरफ, एक बच्चा पढ़ने लगे तो उसे तन, मन, धन भी लगाना पड़ता है ... और paper भी देने पड़ते है...। परन्तु जब तक वो अपने aim तक नहीं पहुँ चता, तब तक प्रािप्त कुछ नहीं...। परन्तु aim पर पहुँ चते ही दोनों बच्चों में ज़मीन-आसमान का अन्तर िदखता है। इसिलए बच्चे, आप उमंग-उत्साह के साथ, स्वयं पर attention दे आगे बढ़ो...। आप बच्चों के साथ-साथ आपके पिरवार की हर तरह से सम्भाल रखने की guarantee स्वयं भगवान की है, इसिलए िनिश्चन्त रहो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 19.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 15 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बच्चे, िनश्चयबुिद्ध िवजयन्ती - इस बात को महीनता से समझो...। जब नम्बरवन बनना है तो समय से पहले ही अथार्त् सारी दुिनया से पहले अपने सारे िहसाब-िकताब clear कर, अपनी seat पर set होना पड़ेगा...। इसके िलए स्वयं पर 100% attention ज़रूरी है और साथ ही साथ, धैयर्ता का गुण जो िनश्चय के साथ बंधा हुआ ही है...। • िनश्चय अथार्त् िनिश्चन्त िस्थित... • िनश्चय अथार्त् एक बल, एक भरोसा... • िनश्चय अथार्त् एक बाप (परमात्मा िपता) दूसरा ना कोई, हर छोटी-बड़ी पिरिस्थित में... • िनश्चय अथार्त् खुशनुमा चेहरा, सदैव हल्का, संतुष्टता से भरपूर मन... • िनश्चय अथार्त् रमता योगी... • िनश्चय अथार्त् no question, no complaint... जो बच्चा िनश्चय और धैयर्ता के गुण को अपनी शिक्त बना लेगा वो ही मास्टर सवर्शिक्तमान् बन, मास्टर भगवान् बन जायेगा ... अथार्त् कल्प-कल्प की िवजयी आत्मा...। इसिलए बच्चे, आप सभी बातों से न्यारे रहो..., बाबा बैठा है...। हर बात में 100% कल्याण समाया हुआ है क्योंिक हर आत्मा अपना accurate part play कर रही है ... drama का अन्त अथार्त् climax period चल रहा है, िजसमें हर आत्मा के िछपे हुए संस्कार- स्वभाव सामने आ िवदाई ले रहे हैं...। आप अपनी शुभ भावना, शुभ कामना सभी आत्माओं के िलए बनाये रखो, िजससे सभी का कल्याण हो - यही बाप-समान बच्चों का कतर्व्य है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 20.07.2018 “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 16 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा िक अब आप बच्चों की स्व-िस्थित ऊँची होती जा रही है ... अथार्त् आप सब इस दुिनया के प्रभाव से न्यारे अथार्त् तेरा, मेरा, क्या, क्यों, ऐसे, वैसे, अच्छा, बुरा ... हर चीज़ से न्यारे होते जा रहे हो...। अब आप बच्चों के संकल्प भी बेहद में रहते हैं। बाबा ने एक example िदया..., जैसे, जब पानी से भरे एक बतर्न को अिग्न के ऊपर रख दें, तो पानी भाप बन ऊपर उड़ता जाता है ... इसी तरह अब आप बच्चों की िस्थित योग-अिग्न से ऊपर की तरफ अथार्त् बेहद में िस्थत होती जा रही है...। अब आप दुिनया के प्रभाव से न्यारे होते जा रहे हो...। यिद कोई बच्चा अभी भी क्या, क्यों करता है, तो जैसेिक बतर्न के ऊपर plate रख देता है, िजससे वो हद में भी आ जाता है और योग-अिग्न भी slow हो जाती है...। इसिलए बच्चे स्वयं पर attention रखो और हर बंधन से मुक्त रह सभी आत्माओं को बंधन-मुक्त बनाओ ... और आपकी बेहद की िस्थित अथार्त् बाप-समान िस्थित ही सभी को मुक्त कर सकती है। बच्चे, अब आपके अंदर एक ही संकल्प हो िक सब अच्छा है ... और हर बात में केवल कल्याण ही कल्याण है...। देखो बच्चे, यह love and light का अभ्यास आप बच्चों को ऊपर ही ऊपर लेकर जा रहा है ... और जैसे-जैसे आप बच्चों की िस्थित ऊँची होती जा रही है, तो आपके पिरवतर्न की speed बहुत तेज़ हो रही है...। बस आप बच्चे बाप (परमात्मा िपता) पर 100% िनश्चय रख, हर कदम में अपना कल्याण समझ, धैयर्तापूवर्क आगे बढ़ते जाओ - यही सवर्श्रेष्ठ िविध है अपनी-अपनी position पर पहुँ चने की...। अच्छा। ओम् शािन्त। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 17 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” Om Shanti 21.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बच्चे, अब आपका बाप प्रत्यक्ष रूप में आपकी सम्भाल करने आ गया है। इसिलए, िनिश्चन्त हो जाओ...। िकसी भी बात में क्या, क्यों मत करो...। चाहे तन है, चाहे मन है ... इसे सतोप्रधान बनाने के िलए इसकी सफाई आवश्यक है और जब सफाई होगी, तो कुड़ा तो िनकलेगा ही..., अथार्त् तन की बीमारी और मन की कमज़ोरी बाहर िकसी ना िकसी रूप में आयेगी, और इसी में आपका 100% कल्याण समाया हुआ है...। यह समय केवल आपके कल्याण के िनिमत्त है। इसिलए 100% बाप (परमात्मा िपता) पर िनश्चय रख, स्वयं का पिरवतर्न करो, तब ही आप िवश्व- पिरवतर्न कर पाओगे...। बस बाप पर 100% िनश्चय रख, धैयर्तापूवर्क चलते रहो..., पूरे िनश्चय के साथ आगे बढ़ो...। बच्चे, आप तो मास्टर प्रेम के सागर हो - िनमार्णता, नम्रता और मधुरता तो आपके िवशेष गुण है। आप सवर् िवशेष हो...। आपकी presence ही सभी आत्माओं में जागृित देती है। बस आप अपने उच्चतम् authority रूपी स्वमान में िस्थत रहो। देखो, अगर paper के रूप में कोई भी बात आये तो आप िवशाल हृदय बन सभी को क्षमा कर स्नेह दो, यही िवश्व-कल्याणकारी आत्मा के िवशेष गुण है। आपके साथ तो स्वयं भगवान, बाप रूप में चलता है ... िफर आपको तो िकसी भी बात की सोच होनी ही नहीं चािहए...! “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 18 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” इसिलए बच्चे, बहुत carefully, love and light के साथ-साथ पिवत्रता का अभ्यास करते रहो। पूरे alert रहो...। मैं भी light ... यह तन भी light ... और मेरे चारों तरफ light ही light है...। यह light का अभ्यास ही इन पाँचों तत्वों की originality को सामने लायेगा..., तब ही तो अन्त सो आिद होगी...। बस बच्चे, बाप भी light ... आप भी light ... चारों तरफ बस light ही light है...। बच्चे, यह अनुभव करो िक बाबा की light आप पर आ रही है और आप आत्मा में समाती जा रही है...। इसे कहा जाता है िचिड़याओं ने सागर को हप कर िलया..., अथार्त् िशवबाबा की light लेत-े लेते light स्वरूप ही बन गये...। बस बच्चे, ऐसा अभ्यास करते रहो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 22.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, इस मागर् में संस्कार पिरवतर्न अित आवश्यक है। संस्कार पिरवतर्न अथार्त् स्व-पिरवतर्न अथार्त् िवश्व-पिरवतर्न...। देखो बच्चे, जो स्वयं ही स्वयं के संस्कार पिरवतर्न नहीं कर सकते, तो समय आने पर बाप (परमात्मा िपता) उन आत्माओं के संस्कार पिरवतर्न कर उन्हें घर (परमधाम) लेकर जाते हैं ... और जो आत्मायें स्वयं ही स्वयं के संस्कार पिरवतर्न करते हैं, वो समय को पिरवतर्न करने के िनिमत्त बन जाते हैं ... और अपना उच्चतम् भाग्य बना लेते हैं...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 19 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” देखो, बाप की सारी पढ़ाई का सार ही पिरवतर्न है, इसिलए स्वयं ही स्वयं की checking कर अपने संस्कार बाप-समान बना लो ... अथार्त् drama के हर scene पर िनश्चय अथार्त् no question - no complaint, िकसी भी तरह का...। ऐसी आत्मायें ही िबन्दु रूप में िस्थत अथार्त् अपने सारे संकल्पों से मुक्त, बाप-समान िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग िवश्व-पिरवतर्न का कायर् कर सकती है। देखो बच्चे, आप सब आगे से आगे ही बढ़ रहे हो...। बस अब ना ही अलबेले बनना है और ना ही िदलिशकस्त बनना है, बस स्वयं पर full attention रख, love and light का अभ्यास करते रहो...। क्या, क्यों, कैसे में मत जाना, नहीं तो आपकी speed रूक जायेगी िजससे आपका number पीछे रह जायेगा...। बस attention दे आगे से आगे बढ़ो...। बाप पर और स्वयं पर िनश्चय रख, िनिश्चन्त रहो ... धैयर्तापूवर्क चलते चलो...। िवजय आप बच्चों की ही है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 23.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, िबल्कुल हल्के रहना है, कभी भी स्वयं को अथार्त् संकल्पों द्वारा एक second के िलए भी कहीं जुड़ना या फँसना नहीं है...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 20 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” अच्छे से अच्छा कायर् करने के बाद भी उस संकल्प से न्यारा हो, स्वमान में िस्थत हो, बाप (परमात्मा िपता) के संग बैठ जाओ ... अथार्त् सदा याद रहे - करनहार मैं हूँ और करावनहार बाबा है ... हर संकल्प के प्रभाव से न्यारा, िबल्कुल हल्का...। देखो, िवश्व-पिरवतर्न भी आपके पिरवतर्न पर आधािरत है परन्तु एक limited समय तक, िफर तो पिरवतर्न होना ही है ... इसिलए बाप की समझानी की महीनता को समझ हर बात से न्यारे हो जाओ...। न्यारी आत्मा ही अिन्तम समय 100% safe रहेगी...। यिद कहीं भी संकल्प फँसे तो आपको भी अन्य आत्माओं की तरह ही पश्चाताप या दुःख की भासना होगी ... चाहे 1% हो, परन्तु होगी तो ना..., जो बाप नहीं चाहता...। िजन बच्चों को इतना समय तक एक-एक बात की समझानी दी, इतना कािबल बनाया ... वो भी अपने थोड़े से अलबेलेपन के कारण कहीं भी फँस जायें...! बस बच्चे, बाप पर न्यौछावर हो जाओ ... तब ही बाप-समान बन पाओगे...। इसिलए, बाप पर 100% िनश्चय रखो ... और आगे बढ़ो...। बाप ऐसे ही कोई बात नहीं बताता। हर बात की और हर समझानी देने का एक समय होता है। िजस समय, िजस बात को बताने की आवश्यकता होती है, उसी according बाप आपको बताता है। इसिलए िकसी बात की depth में ना जा ... बहुत सहज रीित अथार्त् हल्के रह, बाप की हर बात पर िनश्चय रख ऊपर से ऊपर उड़ते रहो...। परमात्मा बाप की हर पल नज़र आप बच्चों पर ही है ... और आप भी स्वयं पर 100% attention दे आगे से आगे उड़ते रहो। अभी तो बाप बहुत ही जल्दी आप बच्चों के आगे कई गुप्त राज़ स्पष्ट करेगा...। बस आप धैयर्तापूवर्क बाप पर िनश्चय रख, बाप की श्रीमत प्रमाण आगे से आगे बढ़ो...। हर बात में, हर समझानी में केवल आप बच्चों का ही कल्याण समाया हुआ है...। अच्छा। ओम् शािन्त। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 21 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” Om Shanti 24.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... देखो बच्चे, भक्तों को भी भगवान पर िकतना िवश्वास होता है ... अिन्तम श्वांस तक भी भक्त भगवान पर िवश्वास रखते हैं ... और कई बार तो िकसी के श्वांस छोड़ने के बाद भी उसके पिरजन सोचते हैं िक यह वापस आ जायेगा...। देखो, सारी दुिनया की हर तरह की आत्मा, भगवान पर भरोसा रखकर ही अपना जीवन व्यतीत करती है ... और आप तो नम्बरवन बच्चे हो, िजन बच्चों पर भगवान को भी मान है ... िवश्वास है..., िक यही बच्चे मुझे िवश्व-भर में प्रत्यक्ष करेंग.े ..। परमात्मा बाप का नाम बाला करेंग.े ..। िफर बताओ, बाबा की हर पल नज़र आप बच्चों पर नहीं होगी, तो िकस पर होगी...! िजस तरह बाप को बच्चों पर अटू ट िनश्चय है, इस तरह आप भी स्वयं पर ... बाप पर ... अटू ट िनश्चय रख, हर िस्थित, पिरिस्थित में स्वयं का 100% कल्याण समझ आगे से आगे बढ़ो ... यह paper नहीं..., बिल्क आपको आपके लक्ष्य तक पहुँ चाने की िविध है, जो बस खत्म ही होने वाली है। देखो यह िनश्चय और धैयर्ता का गुण, शिक्त रूप में काम कर रहा है, यह पिरिस्थित के समय ही पता चलता है...। हर पिरिस्थित में आपकी िस्थित अचल-अडोल रहे..., क्योंिक आपका रक्षक स्वयं परमिपता परमात्मा है...। बस बाप जैसे कहें, वैसे करते जाओ...। अचानक ही प्रािप्तयाँ शुरू हो जायेगी...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 22 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” इसिलए बच्चे ... हल्के रहो, िबल्कुल हल्के ... ज्यादा सोचो मत अथार्त् कोई भी बात वा कोई भी कायर्, स्वयं का या िकसी भी आत्मा का स्वभाव-संस्कार समझ में नहीं आता, तो उसे 100% बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर स्व-िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग आकर बैठ जाओ...। हर तरफ से अपना बुिद्धयोग हटा बाप की तरफ लगाओ...। समय बस पिरवतर्न होने ही वाला है। आप बच्चों को इस दुिनया में कुछ भी नया नहीं िदख रहा है, इसिलए आप मूँझ जाते हो परन्तु बाप पर िनश्चय रखो िक पिरवतर्न हुआ िक हुआ...। बाबा ने यह भी बताया िक जब कोई ऐसी बात वा कायर् होता है, जो आपकी समझ में नहीं आता िक करना चािहए की नहीं...! तो जो पहला संकल्प उठे , उस according कर उसे बाप हवाले कर दो अथार्त् उसका result बाप हवाले कर िनिश्चन्त िस्थित में िस्थत हो, बाप के संग बैठ जाओ...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 25.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बच्चे, अब िबल्कुल शान्त िस्थित में िस्थत हो जाओ। अपनी शािन्त की drill, िदन में बार-बार करो...। स्वयं पर full attention दे, कमर् करते-करते िबल्कुल detach हो जाओ ... अथार्त् मन-बुिद्ध के द्वारा शािन्त की िस्थित में िस्थत हो, शािन्त के सागर के संग बैठ जाओ...। यही अभ्यास बार-बार करो...। इसी अभ्यास से दुिनया से न्यारे हो पाओगे...। िबल्कुल गहन शािन्त में चले जाओ और कुछ नहीं...। ‘‘मैं और मेरा बाबा ... और बीच में शािन्त की शिक्त’’ ... जो आपके पूरे घर को बहुत जल्द, शािन्त कुण्ड बना देगी। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 23 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बार-बार स्वयं की स्मृित का switch on करो। इसमें attention कम मत करना ... िबल्कुल हल्के रह यह attention रखना है...। कुछ भी हो जाये, सबकुछ बाप (परमात्मा िपता) हवाले कर शान्तिचत्त हो, बाप के संग जाकर बैठ जाओ..., पिरिस्थित second में गायब हो जायेगी...। यिद िकसी कारणवश भूल भी जाओ, तो उस समय को िबन्दी लगा, अगले ही second में बाप के संग जाकर बैठ जाओ। यही सबसे ऊँचा पुरूषाथर् है। कभी पिवत्रता की शिक्त फैलाओ ... कभी प्रेम की ... तो कभी शािन्त की...। बस िबल्कुल हल्के रह, 100% attention दे करते रहो...। यही attention आपको आपके लक्ष्य तक पहुँ चायेगा। बाप की खुशी आपके लक्ष्य तक पहुँ चने पर इतनी अिधक हो जाती है िक उस खुशी में सारा संसार झूम उठता है...। बस हर पल आप बच्चों को उमंग-उत्साह में रह खुशी-खुशी बाप के संग बैठे रहना है, इसी attention से सबकुछ पिरवतर्न हो जायेगा...। आप सभी आत्मायें िवशेष हो। बस, यह अभ्यास attention देकर करना भी है और साथ ही साथ पिरवार की सभी आत्माओं को सन्तुष्ट भी रखना है तािक वो भी आपके संग-संग चल सके...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 26.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 24 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बाबा ने कहा... बच्चे, अन्तमुर्खी बन जाओ...। िकसी भी बात का ज्यादा मन्थन मत करो...। आप बच्चे हो िवश्व-कल्याणकारी बच्चे...। अभी तो आप बच्चों को मास्टर भगवान-भगवती बन, दाता- वरदाता बन, बेहद की आत्माओं का कल्याण करना है अथार्त् िवश्व की सभी आत्माओं को घर (परमधाम) का रास्ता िदखाना है...। बस आप हर पल अपने उच्चतम् स्वमान की authority में रहो...। आपके ऊँच स्वमान की शिक्त ही सारा कायर् कर देगी और अभी कर भी रही है...। बस आप तो अपनी स्मृित का switch on रखो...। आपके बैठने से ही सारा कायर् अथार्त् आत्माओं को मुिक्त-जीवनमुिक्त का वसार् िमलेगा...। ज्यादा सोचो मत ... ज्ञान, गुण, शिक्त के स्वरूप बन जाओ, तभी तो मास्टर भगवान कहलाओंगे...। इसिलए बच्चे, हर बात में कल्याण है और कल्याण तो होना ही है ... आप द्वारा नहीं होगा, तो िफर बताओ कौन करेगा...! देखो, िवश्व-कल्याण करने के िलए स्वयं को िबल्कुल हल्का रखना है और सदा मास्टर सवर्शिक्तवान् की seat पर set रहना है। इस seat पर set होते ही दूर से ही हर तरह की आत्मायें अथार्त् आपकी संकल्प power से ही वो मुिक्त को प्राप्त कर, आपका धन्यवाद कर, खुशी-खुशी घर को जायेगी...। बस आपको तो केवल स्वयं को अपनी seat पर set रखने का attention रखना है और जो आत्मा अपनी seat पर set है, वो िबल्कुल हल्की और खुश है। तब ही तो आपके vibrations ही सारा कायर् कर देंग.े ..। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 27.07.2018 “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 25 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” ★【 आज का पुरूषाथर्】★ आज बाबा ने कहा... तुम हो िवश्व-पिरवतर्क बच्चे, अथार्त् िवश्व की तमोप्रधान से तमोप्रधान वस्तु को एक second से भी कम समय में सतोप्रधान बनाने वाले...। िफर आप बच्चों को िकसी भी वस्तु की बुराई के बारे में कोई single संकल्प भी नहीं चलाना चािहए। िफर बाबा ने कहा... आपके साथ जो कुछ भी हो रहा है, वो िशव बाप की planning के according ही हो रहा है। हर िस्थित, पिरिस्थित से गुज़र कर ही बच्चों की checking होती है, तभी तो बच्चे पिरपक्व बनते है...। इसिलए हमेशा अचल, अडोल, एकरस िस्थित में िस्थत रह, हर आत्मा के प्रित शुभ-भावना रखनी है। आपके सम्पकर् में आने वाली आत्मायें भी बाप के according ही आपके सम्पकर् में आ रही है। िफर तो आप बच्चों को उन आत्माओं का धन्यवाद करना चािहए। बच्चे, िजन-िजन स्थान पर आप रह रहे हो वो सब िशवबाबा का भंडारा है और जहाँ आप श्रेष्ठ आत्मायें भोजन स्वीकार करें ... वो भोजन, भोजन ना रहकर भोग अथार्त् प्रसाद बन जाता है...। िजस भोजन से अन्य आत्माओं का भी कल्याण होता है। बस बच्चे, स्वयं पर और बाप पर 100% िनश्चय रख धैयर्तापूवर्क love and light के साथ purity का भी अभ्यास करते जाओ...। पिरवतर्न तो होना ही है और अचानक होना है...। बस बच्चे, आपके लक्ष्य पर पहुँ चने के बाद वो-वो आनन्द भरे scene होने है, जो आपके संकल्प, स्वप्न में भी नहीं है...। देखो, परमात्मा बाप आपको पढ़ा-पढ़ाकर कािबल बना रहा है। और आप बच्चे भी अपना 100% दे बाप के आगे समपर्ण हो जाते हो। तो बताओ, उसकी result िकतनी ऊँची, आश्चयर्जनक और आनन्द से भरपूर होगी...! बच्चे, यह result आपकी द्वापर से सच्ची भिक्त और बाप (परमात्मा िपता) के अनुसार की गई तपस्या और त्याग का ही है और बच्चे अब तो बस प्रािप्तयाँ शुरू होने वाली ही है। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 26 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” देखो, इस समय जो बच्चा पूरे सच्चे मन से अपने लक्ष्य को सामने रख बाप की श्रीमत् प्रमाण ही अपने संकल्प करता है अथार्त् अपनी मन्सा, वाचा, कमर्णा और सम्बन्ध, सम्पकर् में बाप की श्रीमत् प्रमाण अथार्त् स्व-िस्थित के आसन पर िस्थत हो बाप के आगे 100% समपर्ण हो, full िनश्चय रख, धैयर्तापूवर्क आगे से आगे बढ़ रहा है, वो बहुत ही जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त कर अपना कायर् अथार्त् परमात्मा बाप की post पर पहुँ च साक्षात् इस िवश्व का कल्याण करना शुरू कर देगा ... और िफर सभी अपना-अपना कायर् शुरू करेंगे...। बस बच्चे, हर हाल में चाहे अच्छा हो या पिरिस्थित वाला हो, िनश्चय के साथ-साथ समपर्ण और धैयर्ता के साथ आगे बढ़ो...। कभी भी, कुछ भी हो सकता है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 28.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, आप भगवान बाप के िवशेष बच्चे हो ... िजन्हें स्वयं भगवान पढ़ा िवश्व के आगे प्रत्यक्ष करेगा...। इसिलए आप सभी बच्चे अपना उमंग-उत्साह बढ़ाकर जाये ... सभी एक-दूसरे के साथ बहुत स्नेह के साथ रहें ... और full सहयोग दें ... बस अपने बोल पर िवशेष attention रखना...। हर आत्मा के संस्कार अपने-अपने है और इन्हें पिरवतर्न करना बाप (परमात्मा िपता) का कायर् है...। यिद कुछ समझानी देनी है तो उसे personally बहुत स्नेह के साथ दे, तािक वो आगे से आगे बढ़े...। िफर बाबा ने कहा... “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 27 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” देखो बच्चे, बाप एक ऐसा sample तैयार कर रहा है जोिक पूरे िवश्व में बड़े सम्मान के साथ िदखायेगा िक जो कायर् आप िवश्व की जानी-मानी आत्मायें इन पाँच तत्वों के बीच रहते असम्भव समझते थे, वो कायर् अथार्त् बाप-समान बनने का कायर् मेरे इन बच्चों ने कर िदखाया...! इसमें थोड़ा समय तो लगता ही है, क्योंिक इस समय आप बच्चों के संस्कार इतनी गुह्य रीित से पिरवतर्न होते है और उसकी जड़ भी इतनी गहराई तक डाल दी जाती है ... जो िवशेष संस्कार पूरे कल्प तक चलते हैं ... चाहे उनकी percentage कम हो जाती है, परन्तु अभी तक अथार्त् कल्प के अन्त तक प्रत्यक्ष आप बच्चों में वो संस्कार नज़र आते है। देखो बच्चों, अभी तक आप बच्चों के अंदर सच्चाई, सफाई, दया और क्षमा की भावना है, जो केवल प्रेम से ही आती है...। तो बताओ, इतनी सच्चाई का संस्कार डालने में समय तो लगेगा ना...! देखो, सबसे बहुमूल्य, सबसे खूबसूरत जो दुिनया में numberone हो ... ऐसी मूितर् को तैयार करने के िलए पहले सोने को अच्छी तरह से तपाना पड़ता है ... िफर िकतनी ही बार polish करनी पड़ती है ... िफर बहुत बारीकी से सजावट करनी पड़ती है और आप सोचते हो कुछ हो क्यों नहीं रहा...! देखो, बहुत कुछ हो चुका है परन्तु जब तक मूितर् पूरी रीित तैयार नहीं होती, तब तक उसे प्रत्यक्ष नहीं िकया जाता...। बस wait and watch करो...। िफर देखना बाप की कमाल और दुिनया वालों की वाह वाह...! िजसमें आप बच्चों के िनश्चय और धैयर्ता के गुण प्रत्यक्ष िदखेंगे और वो सोचेंगे ... यह हम कभी भी नहीं कर सकते थे...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 29.07.2018 “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 28 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, अब आपको अपने लक्ष्य तक पहुँ चने में सफल होना है ... और अपने लक्ष्य तक पहुँ चने का आधार आपका िनश्चय और धैयर्ता का गुण है...। देखो बच्चे, बाबा बार-बार कह रहा है िक जो भी पिरिस्थित आपके सामने आ रही है वो केवल छोटे-छोटे से paper है और उसमें first number लेना या pass होना यह आपके िनश्चय की percentage पर है। िनश्चय अथार्त् िनिश्चन्त बुिद्ध, िबल्कुल हल्का...। िफर बाबा ने कहा... अब जबिक आप अपने लक्ष्य तक पहुँ चने ही वाले हो तो माया और प्रकृित भी बस आपके सामने झकु ने ही वाली है ... परन्तु उससे पहले वो आपको 100% पिरपक्व बनाने के िलए आप पर अपना वार करेगी ... और जब आप िनश्चयबुिद्ध बन बाप पर समर्पण हो जाओगे तो माया और प्रकृित भी आपके आगे समर्पण हो जायेगी...। बाप की आप बच्चों से guarantee है िक आपको वो कोई भी तरह से स्थूल कमी नहीं होने देगा ... मौज में रखेगा...। बस आप बच्चों को तो िनश्चयबुिद्ध हो रहना है। िनश्चय ही number का आधार है। इसिलए, अब आप स्वयं के िलए सोचना बन्द करो अथार्त् आने वाले काम की कोई planning मत बनाओ...। आप तो केवल बाप की श्रीमत प्रमाण अपनी seat पर set रह अपना िवश्व-कल्याण का कायर् करो। देखो बच्चे, बीता हुआ कल भूतकाल है, उसके बारे में सोचना अथार्त् भूतों को बुलाना अथार्त् अपना एक-एक second करते काफी समय बबार्द कर देना और अब जबिक direct बाप (परमात्मा िपता) आपके िलए आ गया है और आप प्रित सोचने का कायर् भी स्वयं कर रहा है और बाप के पास आपके िलए future की ‘‘the best planning’’ है, तो आप अपनी मन-बुिद्ध ना लगा अथार्त् बाप के कायर् में interfere ना कर, बाप पर 100% िनश्चय रख समपर्ण हो जाओ, िफर देखना बाप की कमाल पर कमाल...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 29 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” आप बच्चों की guarantee स्वयं परमिपता परमात्मा ले रहा है। बस आप तो present में रह अथार्त् अपनी स्व-िस्थित के आसन पर िस्थत रह अपने चारों तरफ powerful vibrations फैलाओ...। स्वयं पर 100% attention रखो। िजस समय, िजस गुण और िजस शिक्त की ज़रूरत है उसी का स्वरूप बन जाओ। हर बात में स्वयं का कल्याण समझो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 30.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, मैं हूँ परमिपता परमात्मा िशव, सारी दुिनया का रखवाला, भगवान, ईश्वर, अल्लाह अथार्त् मेरे कई नाम है और मुझे हर बच्चा इस समय पुकार रहा है ... और आप बच्चे हो मास्टर भगवान अथार्त् मैं िपता और आप मेरे पुत्र...। िजस तरह लौिकक में कोई भी राजा अपनी seat तब ही अपने पुत्र को देता है जब वो इतना कािबल बन जाए िक वो उसके राज्य को सुरिक्षत रख सकें...। इसी तरह drama का अब अिन्तम समय का भी अंत होने वाला है ... तो मैं बाप, आप बच्चों को अपनी post अथार्त् मास्टर भगवान बना, यह दुिनया आपके हवाले कर देता हूँ िक अब इन सबकी (सभी आत्माओं की) पुकार सुन इनका कल्याण करो...। परन्तु इससे पहले मैं आपको वो सारी चमत्कारी शिक्तयाँ दे देता हूँ िजससे आप अपना कायर् accurate ढंग से कर सको...। बच्चे, कभी आपने सोचा हैं िक बाबा में कौन-कौन सी शिक्तयाँ हैं...? “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 30 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” जो बाप (परमात्मा िपता) की सबसे बड़ी शिक्त है, वो यह है िक वो सब कुछ कर सकता है परन्तु िफर भी साक्षी हो समय का इं तज़ार करता है अथार्त् उसे पता है िक िकस कायर् को, िकस समय, िकस रीित करने में कल्याण समाया हुआ है और बाप को drama पर 100% िनश्चय है िक drama कल्याणकारी है। इसी तरह इस समय बाप को आप बच्चों पर भी इतना िनश्चय है िक ”हैं तो यह ही" ... चाहे अभी समय ले रहे हैं ... मेरी post सम्भालने के लायक भी यह ही बनेंग.े ..। इसिलए िनिश्चन्त िस्थित में रह आप बच्चों को रोज़-रोज़ समझानी देता हूँ । िफर बाबा ने कहा... बस बच्चे, अब आपको इस drama से साक्षी हो अपनी seat पर 100% set रहना है, तब ही वो चमत्कारी शिक्त आप बच्चों के पास आयेगी और आप मास्टर भगवान बन सभी आत्माओं की पुकार सुन उनका कल्याण करोगे...। आपको हर पिरिस्थित में िबल्कुल िनिश्चन्त रहना चािहए। जैसे एक इं सान की जब lottery िनकल जाती है और उसे पता होता है िक कुछ समय के बाद ही उस lottery के सारे पैसे मुझे िमल जायेंगे, तो वो िकसी बात की भी कोई िचन्ता ना कर अपने आने वाले पैसों की खुशी में खुश रहता है...। इसिलए बच्चे, अब आप बार-बार अपने स्वमान की seat पर आ, िशवबाबा के संग अथार्त् शािन्त के सागर के संग बैठ चारों तरफ शािन्त की िकरणें फैला दो ... और मौन में रहने का अभ्यास करो ... साधारण और व्यथर् संकल्पों का द्वार बन्द कर दो .... अथार्त् स्वयं के संकल्पों पर 100% attention दे साधारण और व्यथर् संकल्पों की छु ट्टी कर दो। यह एक-एक िदन का िकया गया ऊँचा अभ्यास आपको permanent अपनी seat पर set कर देगा...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 31 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” 31.07.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, जो आप daily का िविभन्न स्वरूप या स्वमान का अभ्यास कर रहे हो, उसे बहुत alert होकर करना है। यह नहीं िक योग तो लगा रहे हैं, गलत तो कर नहीं रहे, बस ठीक है ... नहीं...! बच्चे, यिद ऊँचा पुरूषाथर् करना है, तो daily के पुरूषाथर् का अच्छे से मन्थन करो। उस स्वरूप में िस्थत होने से आपकी िस्थित िकतनी ऊँची होती है अथार्त् आप इस दुिनया से िकतने न्यारे, हल्के और िनिश्चन्त रहते हो - यह checking अपनी हर पल होनी चािहए। िफर बहुत carefully रात को check कर अपने marks देने है। जैसे आपका जो आनन्द स्वरूप का स्वमान है ... अब आनन्द स्वरूप की िस्थित िकतनी ऊँची है...। अितिन्द्रय सुख अथार्त् फिरश्तों के समान ऊँच िस्थित, बाप-समान िस्थित है...। इसी तरह जो आपका स्वमान है - मास्टर सवर्शिक्तवान् ... पहले इस स्वमान का अच्छी तरह से मन्थन करो ... िफर हर कोई दो-दो point स्वमान के according िलखे, िजससे आपको enjoy भी होगा और इसका अभ्यास easy भी हो जाएगा...। इसी तरह knowledgeful होकर ही हर स्वरूप का अभ्यास करना है, तब ही आप powerful बन सकते हो ... और powerful आत्मा ही स्व-पिरवतर्न सो िवश्व-पिरवतर्न का कायर् कर सकती है। इसिलए बाप को याद करने के साथ, स्वमान का अभ्यास भी करना है। केवल बाप की याद में बैठने से बुिद्ध इधर-उधर चली जाती है और आपको पता भी नहीं चलता...! इसिलए स्वयं पर full attention दे तीव्र पुरूषाथर् करो। िहम्मत रखने पर ही बाप (परमात्मा िपता) की मदद है और बाप की मदद है तो सफलता है ही है...। बाबा ने आप सभी को कई स्वमान िदये है ... िजतना आप मन-बुिद्ध से इन स्वमान को स्वीकार करते जाओगे, उतनी ही जल्दी आप जागृत हो अपनी seat पर set हो जाओगे...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 32 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” जैसे; हम ही हैं बाप-समान ... हम ही हैं आिद रत्न ... िवजयी रत्न ... िवश्व-कल्याणकारी ... पूवर्ज आत्मा ... आधार-मूतर्, उद्धार-मूतर् ... हम ही हैं िवश्व-पिरवतर्क ... श्रेष्ठ पूज्यनीय आत्मा ... सारी दुिनया इस दुःख के समय हमें ही पुकार रही है ... हम ही हैं िवध्न-िवनाशक ... श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ परमात्मा बाप के मस्तक के ताज ... दुःखहतार्-सुखकतार् ... हम ही हैं बाप की आशाओं को पूणर् करने वाले ... िज़म्मेवार आत्मा...। इस तरह समय प्रित समय अपने श्रेष्ठ स्वमान में िस्थत हो अपनी चमक द्वारा िवश्व-पिरवतर्न का कायर् जल्दी से जल्दी सम्पन्न करो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 01.08.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 33 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बच्चे, मैं (परमात्मा िशव) तुम सब बच्चों को लेकर जाने के िलए आया हूँ ... परन्तु मैं तुम्हें तभी लेकर जा सकता हूँ जब तुम अपनी सारी स्थूल और सूक्ष्म िज़म्मेवारी कहो, इच्छा कहो, संकल्प कहो से न्यारे नहीं हो जाते अथार्त् इस पुरानी दुिनया से न्यारे नहीं हो जाते...। इसिलए मैं बार-बार कहता हूँ - बच्चे, मेरे प्यार में समा जाओ ... खो जाओ ... अथार्त् 100% समपर्ण हो जाओ...। िफर बाबा ने कहा... बच्चों की इच्छा भी यहीं है िक हम िशव बाप के संग जल्दी से जल्दी जायें, परन्तु िफर भी बार-बार स्वयं को िकसी ना िकसी संकल्प से बाँध लेते है...। देखो बच्चे, आप स्वयं के संकल्पों पर attention देकर ही इस दुिनया से न्यारे हो सकते हो। न्यारे होने के िलए ही बाबा ने कई अभ्यास बताए हैं - हर बात बाप को दे दो अथार्त् सबसे पहले बाप से share करो ... िफर भी उसके संकल्प आए तो attention दे स्वयं के उच्चतम् स्वमान में अथार्त् अपने इस पुराने जीवन से न्यारे हो, जो बाप ने आपको नए-नए उच्चतम् स्वमान िदए हैं, उसकी स्मृित में िस्थत हो जाओ...। उस स्वमान के according अपनी मन्सा-वाचा-कमर्णा रखो ... अथार्त् साधारणता में भी िवशेषता ले आओ...। जब बाप आप बच्चों की 100% guarantee ले रहा है िफर आप िनिश्चन्त रहो ना...! देखो, आपके इस दुिनया से न्यारे होते ही मैं आपको अपने समान बना ... आपकी स्थूल और सूक्ष्म सारी िज़म्मेवािरयाँ आप द्वारा ही पूरी करवा, िवश्व-पिरवतर्न का कायर् आप द्वारा ही पूरा करवाऊँगा...। बस आप एक छोटे बच्चे की तरह मुझ पर समपर्ण हो जाओ...। बाबा बार-बार कह रहा है िक बाबा ने आपको मौज में रखा है तो आगे भी मौज में ही रखेगा, यह छोटी- छोटी सी पिरिस्थितयाँ बस आपको पिरपक्व बनाने के िलए ही आ रही है। इसिलए इनका मन्थन मत करो...। मन्थन करने से पिरिस्थितयों के vibrations फैलते हैं, जोिक आपको और आपके सम्पकर् में आने वाली आत्माओं को और भारी कर देते है। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 34 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” और जबकी आप िज़म्मेवार आत्मा हो तो आपके हल्के होने पर ही सभी आत्मायें हल्की होगी...। कोई बड़ी से बड़ी बात जो आप समझते हो िक यह बड़ी बात है वो सुनकर कोई जल्दी से और संकल्प ना चला अपने उच्चतम् स्वमान में िस्थत हो िशव बाप को वो बात सुना, हल्के हो, सामने आने वाली आत्मा को हल्का कर दो...। आपके positive संकल्प ही आपकी पिरिस्थितयों को हल्का कर देंगे और बाप तो आपके संग है ही ... वो क्या नहीं कर सकता...! परन्तु इस समय मैं केवल आप बच्चों को ही तैयार कर रहा हूँ और आप पिरिस्थितयों को cross कर अथार्त् पिरिस्थितयों के समय भी हल्का रहकर ही स्वयं को सम्पन्न बना सकोगे...। बस बच्चे, बाप पर िनश्चय रख आगे से आगे बढ़ो...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 02.08.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... बच्चे, मैं (परमात्मा िशव) इस दुिनया से न्यारा होते हुए भी अथार्त् बन्धनमुक्त होते हुए भी आपके प्यार में हर पल बंधा रहता हूँ अथार्त् आप बच्चों से अलग होते हुए भी अलग नहीं हूँ । देखो, जैसे-जैसे आप इस स्थूल दुिनया से न्यारे होते जा रहे हो ... वैसे-वैसे सूक्ष्म खेल बढ़ता जा रहा है। बस आप attention दे स्वयं की मन-बुिद्ध को 100% इससे न्यारा कर दो अथार्त् इस दुिनया का स्थूल कतर्व्य करते हुए भी इसके प्रभाव से न्यारे अथार्त् रूहानी प्रभु के िमलन की मस्ती में मस्त रहो...। देखो, आपका ज्ञान से भरपुर सच्चा िदल मुझे खींचता है ... िजससे आपमें इससे न्यारे होने की शिक्त अत्यिधक हो जाती है। बस थोड़ा-सा attention और दो...। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 35 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” कोई भी पुराने स्वभाव-संस्कार, िहसाब-िकताब की परवाह िकये िबना मेरी श्रीमत् प्रमाण मेरे प्यार में लीन हो जाओ ... तो मेरे प्रेम की िखंचावट आपको ऊपर खींच लेगी...। जो बच्चे बाप पर समपर्ण हो जाते है उनकी िवजय िनिश्चत है। इसिलए, समपर्ण की गुह्यता को समझो...। देखो बच्चे, मैं भी एक आत्मा हूँ , मुझमें भी मन-बुिद्ध है। मैं सभी चीज़ को enjoy करता हुआ भी इससे न्यारा हूँ क्योंिक अपनी seat पर हूँ ... मैं सदा िशव हूँ ...। मुझे कभी भी, िकसी भी बात का प्रभाव नहीं पड़ता ... िकन्तु आप बच्चे जोिक इस दुिनया में अथार्त् पाँच तत्वों के बीच रहते हो तो इसके प्रभाव से प्रभािवत हो जाते हो...। परन्तु अब जबिक आप बच्चों को बाप (परमात्मा िपता) की seat लेनी है तो इनके बीच रहते, इन पाँच तत्वों के प्रभाव से न्यारा रहना है, तब ही आप िवजयी बन सभी आत्माओं का और प्रकृित का कल्याण कर सकोगे ... और इस कािबल बनाने के िलए बाप आपको पढ़ा भी रहा है और सूक्ष्म में मदद भी कर रहा है। बस, आप केवल अपने पर 100% attention रखो। बाप साथ है तो हुआ ही पड़ा है...। इसिलए, जो आप daily का अभ्यास कर रहे हो, वो पूरी लगन के साथ करो ... िशव बाप को अपने अंग-संग जान अथार्त् बाप की हर second आप पर नज़र है ... यह जान कर, आपकी पूरी लगन से िकया गया अभ्यास आपको आगे से आगे लेकर जा रहा है...। अच्छा। ओम् शािन्त। Om Shanti 03.08.2018 ★【 आज का पुरूषाथर्】★ बाबा ने कहा... “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 36 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास” PMTV “Aaj Ka Pursharth” OmShanti Final Teachings of “Shiv Baba” बच्चे, जो पढ़ाई अभी बाप ने आपको पढ़ाई है और िभन्न-िभन्न अभ्यास आपको बताए हैं उसी अनुसार स्वयं पर attention दे चलते चलो। िभन्न-िभन्न स्वमान का अभ्यास करते रहो। बार-बार अपनी seat पर set हो जाओ। कभी light रूप में, कभी िभन्न-िभन्न पूज्य स्वरूप में, और कभी चलता-िफरता light house - might house फिरश्ता रूप में...। िजतना-िजतना आप attention दे यह अभ्यास करोगे उतनी ही जल्दी आपकी प्रत्यक्षता शुरू हो जायेगी। िफर बाबा ने कहा... देखो पहले से बहुत पिरवतर्न हो चुका है, बस िनरन्तर attention से आपकी प्रत्यक्षता होनी शुरू होगी। जैसे ही आप प्रभाव-मुक्त हो seat पर set हो जाओगे, तो आपका कायर् शुरू हो जायेगा...। देखो बच्चे, बाप (परमात्मा िपता) तो गुप्त है, करावनहार है, करनहार आप हो...। तो िविभन्न देवी-देवता रूप में प्रत्यक्ष भी आप होंगे...। आपका िशव बाप तो केवल light रूप में ही जाना जायेगा। िफर बाबा ने कहा िक िजतना आप इच्छा मात्रम् अिवद्या अथार्त् सम्पन्न, संतुष्ट ... स्वयं में भरपूरता महसूस करोगे अथार्त् no question - no complaint ... एक single second के िलए या एक single संकल्प में, तब ही आप दाता बन सबका कल्याण करोगे...। बस बच्चे, आप िनिश्चन्त रह स्वयं पर 100% attention रख जैसे बाप कहें वैसे करते जाओ...। काफी पिरवतर्न हो चुका है जो आपको पता नहीं...! इसिलए last में कुछ percent अचानक ही पिरवतर्न हो जायेंगे, क्योंिक हर कायर् slow start होता है िफर जब करना आ जाये तो finish भी एक second में हो जाता है अथार्त् अचानक हो जाता है और पता भी नहीं चलता...! क्योंिक यह एक ऐसा कायर् है जो िदख नहीं रहा, बस आप अनुभव द्वारा ही जान सकते हो...। बच्चों ने जो प्रेम स्वरूप का और पिवत्र स्वरूप का attention रखा, वह बहुत अच्छा है। इस अभ्यास को िदल वा जान, िसक वा प्रेम से करना ... full attention देकर करना। यह ही अभ्यास आप बच्चों को आपके original स्वरूप तक पहुँ चाएगा। “समपर्ण भाव से बाप-समान िस्थित” 37 of 531 “Love, Light & Purity का अभ्यास”
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