जम नी क िह ी पि का (अंक 9) €2 ESA - बड़ी अ र योजनाएं िबना रॉकेट के बसेरा िहमालय संकट म भारत पहाड़ो ं म िबजली संय , सुरंग और राज-माग बना रहा है, कृित को ान म रखे िबना जलवायु प रवत न वष से पृ ी के सब से ऊ ं चे पव त िहमालय को भािवत कर रहा है लेिकन भारत क बेरोकटोक िनमा ण गितिव ध भी तेज़ी से कृित और लोगो ं को खतरे म डाल रही है इस े म पहले से कही ं अ धक जंगल काटे जा रहे ह , दर ू दराज़ के इलाको ं को जोड़ने के लए अनिगनत सुरंग खोदी जा रही ह , च ानो ं को िव फ़ोिटत िकया जा रहा है , अछूते े ो ं पर concrete डाली जा रही है और राज - माग बनाए जा रहे ह धािम क प से े रत सरकारी योजनाओ ं तहत िह ू पय टन को बढ़ावा देने के लए तीथ - या ा माग पर ब -lane डामर सड़क बनाई रही ह चीन के सीमा े म भारत रणनीितक सै कारणो ं से नए बुिनयादी ढांचे खड़े कर रहा है िहमांक प रयोजना के अ ग त 5400 meter से भी अ धक क ऊ ं चाई पर दि ु नया का पहला glacier highway बनाया जा रहा है . 6.4m km के साथ भारत म संयु रा America के बाद दि ु नया का दस ू रा सब से बड़ा सड़क network है इस म हर िदन 29km जोड़े जाते ह िपछली सरकार के तहत 2014/2015 म यह 12km थी . 2014 के बाद स े 50,000km राज - माग बनाए जा चुके ह इस के अलावा नई railway lines बनाई जा रही ह , अ ऊ ं चाई पर बांध और जलिव ुत संय बनाए जा रहे ह , जन क मदद से भारतीय धान म ी नरे मोदी जलवायु को नुकसान प ंचाने वाले उ ज न को कम करना चाहते ह भारत के 1.4 अरब से अ धक लोगो ं क बढ़ती ऊजा ज़ रतो ं का एक बड़ा िह ा भिव म जल िव ुत संय ो ं ारा पूरा िकया जाएगा गित और समृि के नाम पर पव तीय े का िवकास िकया जा रहा है लेिकन िहमालय भूक ीय प से सि य े है , इस लए बड़ी िनमा ण प रयोजनाएं जो खम भरी ह िवशेष ो ं को डर है िक िनमा ण काय के दौरान भू - गभ य प र ितयो ं का ान नही ं रखा जा रहा है ज़ ेदार अ धकारी इससे इनकार कर रहे ह , लेिकन हादसो ं क सं ा बढ़ती जा रही है बेलगाम िनमा ण गितिव धयां और बढ़ता तापमान तेज़ी से आपदाओ ं का कारण बन रहे ह भू लन और बाढ़ क सं ा म वृि ई है सरकार भू - वै ािनको ं और पया वरण काय - कता ओ ं क चेताविनयो ं को नज़र - अ ाज कर रही है और िहमालय जवाबी काय वाही कर रहा है िहमालयी रा उ राख म भू लन क सं ा 2021 म 354 थी , 2022 म 245 और 2023 म 1100. 1 April स े 20 नवंबर 2023 तक भारत म बाढ़ स े पीिड़तो ं क सं ा 221 है और भू लन से पीिड़तो ं क सं ा 212 है िपछले सालो ं क अनेक दघ ु टनाएं िहमालय क नाज़ुक ित पर काश डालती ह . August 2023 म शमला म भारी बा रश के बाद ए भू लन ने कई घरो ं को खाई म िगरा िदया प रणाम : 14 मृत . 12 नवंबर , 2023 को उ राख रा क Silkyara सुरंग म काम के दौरान shaft का एक िह ा ढह गया , जस म 41 िमक सुरंग के अ र फ ं स गए सरकार ने पहले सुरंग को चौड़ा करने से रोकने वाले अदालती फ़ ै सलो ं क अनदेखी क थी किठन भौगो लक प र ितयो ं के कारण दघ ु टना - ल पर बचाव काय अ किठन बना रहा अ त : 28 नवंबर को सभी िमको ं को बाहर िनकाल लया गया यह सुरंग नए चार धाम राज - माग का िह ा है , जो धान म ी नरे मोदी क करोड़ो ं Dollar क ित ा वाली प रयोजना है इस राज - माग से चार िह ू तीथ लो ं ( गंगो ी , यमुनो ी , केदारनाथ और ब ीनाथ ) को जोड़े जाने और पय टको ं को आकिष त करने क उ ीद है . February 2021 म तपोवन म िहमनदो ं ने ार क लहर पैदा कर दी इससे तपोवन - िव ुगढ़ पनिबजली संय ित - हो गया , जो अभी भी िनमा णाधीन है इस आपदा म 140 िमको ं क मृ ु हो गई 7 February, 2021 को glaciers के ढेर के कारण धौलीगंगा बांध ढह गया . 60 लोगो ं क मौत हो गई . 16 जून , 2013 को बादल फटन े स े केदारनाथ तीथ - नगरी म िवनाशकारी बाढ़ आ गई मलबे और बफ़ के िम ण ने हज़ारो ं लोगो ं को बहा िदया और घरो ं और सड़को ं को तबाह कर िदया कुल िमला कर , इस आपदा ने 6,000 से अ धक लोगो ं क जान ले ली . January 2023 म घरो ं म दरार आने के बाद जोशीमठ शहर के कुछ िह ो ं को खाली कराना पड़ा था जोशीमठ शहर अब रहने लायक नही ं रह गया है इस े म भी तपोवन - िव ुगढ़ पनिबजली घर जैसी बड़ी िनमा ण गितिव धयां ज़मीन को िहला रही है और इमारतो ं को न कर रही ह यह शहर भूक े म 1800 meter क ऊ ं चाई पर चार धाम राज - माग पर त है . 27 October, 2023 को भू लन के मलबे से सुबन सरी बांध के कुछ िह े न हो गए िवशेष ल े समय से इस प रयोजना के बारे म चेतावनी दे रहे ह बांध के वजन के कारण आस - पास क च ानो ं म दरार आ जाती ह . power plant अभी चालू नही ं आ है Flick-A färe को िव यु के बाद जम नी का सबसे बड़ा राजनीितक घोटाला माना जाता है। 1981 म Flick नामक एक ब त बड़ी कंपनी क 'कर चोरी' क जांच करते समय 'कर अ ेषको' ं के हाथ संयोगवश एक ऐसी सूची लगी जससे पता चला िक उस समय क सभी राजनीितक पािटय ो ं (CDU, CSU, SPD, FDP) के नेता कंपनी के हाथो ं िबके ए थे। सामा 'कर चोरी' का मामला एक बड़ा राजनीितक घोटाला बन गया। िपता क मृ ु के बाद Flick कंपनी के मा लक ने Daimler- Benz के करीब 2 अरब DM के शेयरो ं को Deutsche Bank को बेच िदया। सामा तः इस कमाई म से लगभग आधा आय - कर के प म सरकार को देना पड़ना था। इसे बचाने क तरक ब िनकालने के लए उस समय के अथ - शा मं ी और िव मं ी ने मदद क । Flick कंपनी क राजनीितक पािटय ो ं को दान करने क था ना ज़यो ं से भी पहले से चलती आ रही थी। लेिकन इस दान से राजनीितक फ ै सलो ं को भािवत करने के ये पहले संकेत थे। उस समय लगने लगा था िक पूरी क पूरी सरकार िबकाऊ है। इसके बाद पाट - दान संबं धत कानूनो ं म सुधार िकया गया। लेिकन इस घटना को lobbying के अ दत ू के प म देखा जा सकता है। आज lobbying इतना बड़ा प धारण कर चुक है िक उसे िवधायक , काय कारी और ाियक शि यो ं और मीिडया के बाद पांचवी ं शि के प म देखा जाता है। कर चोरी का मामला कुछ इस कार था। Flick कंपनी हर वष चच को लगभग दस लाख DM दान देती थी। इस दान से उसे कर म छूट िमलती थी। लेिकन चच इसम से एक लाख DM चच अपने पास रखती थी , एक लाख उस समय के एक मं ी को िदए जाते थे। बाक आठ लाख एक Swiss bank को भेज िदए जाते जो cash के प म वापस Flick कंपनी को प ंचा िदए जाते थे। इस तरह कंपनी वष से एक तहखाने म काले धन का बड़ा भंडार पाल रही थी। जब जम नी के अ धकांश नेता िबकाऊ थे 4 August, 1962 क रात को िपछली शता ी क सब से स च पट देवी Myrilyn Monroe, जस का वा िवक नाम Norma Jean था , क स प र ितयो ं म मृ ु हो जाने के बाद से सवाल , स ांत , आरोप और जांच जारी होती रही ह लेिकन वा व म ा आ और कौन शािमल था , इस के बारे म कोई अब तक कोई िन त सबूत नही ं था लेिकन इस पु क ने आ खरकार पहली बार Myrilyn Monroe के ह ारे का नाम ले कर पचास वष से अ धक से चली आ रही अटकलो ं और गुमराह करने वाले दावो ं पर िवराम लगा िदया है यह पु क JFK के भाई RFK (Robert Francis Kennedy), जो उस समय America के attorney general थ , े को Myrilyn क ह ा के आरोप म फ ंसाते ए Myrilyn के दख ु द अ म घंटो ं के बारे म स ाई को उजागर करती है , उस क मौत से परदा उठाती है , और यह भी बताती है िक कैसे एक बड़े अमे रक राजनेता ने कई लोगो ं क र ा के लए शि शाली संसाधनो ं का इ ेमाल िकया © pixabay Published by Rajneesh Mangla rajneesh.mangla@gmail.com +49-152-3164-3828 basera-germany.blogspot.com Cover Photo: © esa Mesopotamia के पूव म , आज के ईरान, अफ़गािन ान, पािक ान और भारत के े म , ईसाई-पूव काल म ार क उ त सं ृितयां, महान सा ा और कई धम िवक सत ए जो आज भी मौजूद ह . 2600 BC और 1900 BC के बीच लगभग 40,000 ं िनवा सयो ं वाले मोहनजो - दारो और हड़ ा जैसे बड़े शहर सधु घाटी म उभरे वे Mesopotamia तक माल का ापार करते थे ं ं सधु घाटी आज के पािक ान म सधु नामक एक िवशाल नदी के आस पास का इलाका है वहां 2600 BC के आस - पास एक रोमांचक उ त स ता िवक सत ई , जस के बारे म आज ं ब त से लोग नही ं जानते यह सधु स ता लगभग 700 वष तक चली इसका सा ा ाचीन िम और ं Mesopotamia के संयु सा ा स े भी बड़ा था सध ु सं ृित के लोगो ं ने शहरो ं का िनमा ण िकया , उनक अपनी एक ल खत णाली यािन लिप थी , और वे कृिष और ल ी दर ू ी का ापार करते थे वे कु ार के चाक पर चीनी िम ी के बरतनो ं का उ ादन करते थे , कपडो ं क बुनाई और रंगाई करते थे , धातु का सं रण करते थे और Carnelian और Lapis lazuli र ो ं स े गहन े बनात े थ े Carnelian नामक लाल प र को रेखाओ ं से सजा कर आभूषणो ं म संसा धत िकया ं जाता था सधु लोग साबुन के प र पर जानवरो ं और अ रो ं को उकेरते थे और इन प रो ं का इ ेमाल मोहरो ं के प म करते थे ं सधु सं ृित के लोगो ं के शहर New York जैसे िदखते थे गगनचु ी इमारतो ं के कारण नही , ं ब समकोण पर बनी सड़को ं के कारण घर िम ी क टो ं से बने होते थे जन म कई कमरे होते थे और लगभग हमेशा उनका अपना ानघर होता था हर जगह पानी के कूंए थे और पानी क ना लयो ं से ताज़ा और साफ़ पानी बहता था शौचालय भी थे जन का मल एक नाले के मा म से बहता था दग ु को फ ै लने से रोकने के लए नालो ं को ढक िदया जाता था नहाने के लए तालाब भी आ करते थे इस तरह पानी क ना लयो ं और swimming pool का अिव ार रोम म ं नही ं ब सधु स ता म आ रोम म उस समय केवल बक रयो ं क चरागाह आ करती थी ं पािक ान म खोदे गए मोहनजो - दारो शहर म 4,000 साल से अ धक पुराना एक पक ई टो ं का तालाब है , जस का आकार लगभग 12 गुणा 7 meter और 2.5 meter गहरा है पानी के रसाव को रोकने के लए इसे अ र से सील िकया गया है इस म दो तरफ़ सीिढ़यां ह लेिकन दि ु नया के ये पहले swimming pool शायद मनोर न के लए कम और धािम क शुि के लए यादा थे लेिकन कुछ चीज़ ऐसी ह जन के बारे म शोध - कता अभी भी ं अ ेरे म ह सधु स ता का उदय कैसे आ और इसका पतन ो ं आ ? उदाहरण के लए , आप नही ं जानते िक उस समय भारी कौन था वहां कोई बड़े महल नही ं ह , कोई समृ क नही ं ह , ना ही कोई ह थयार ह और ना ही सेना का कोई सबूत है हम उनक भाषा नही ं जानते और उनक लखावट अभी भी समझी नही ं जा सक है ं इस के िवपरीत साबुन का अिव ार स वत : सधु लोगो ं ने नही , ं ब Mesopotamia के लोगो ं ने िकया पौधे क राख और तेल से साबुन बनाने का नु ा लगभग 2500 BC के एक Cuneiform tablet पर पाया गया 1500 स े 600 BC के दौरान ईरानी आय जातीय समूह न े भारत पर आ मण िकया वे लोग गंगा नदी तक फ ै ल गए और रा ािपत िकए लोगो ं को चार वग म बांटा गया , ज जाितयां कहा गया : 1. पुजारी , 2. कुलीन और सैिनक , 3. िकसान और ापारी , 4. नौकर और दास जाितयो ं के बाहर अछूत थे ज प रया कहा जाता था 550 स े 330 BC के दौरान महान कहे जान े वाल े फ़ारसी राजा Cyrus ि तीय ने फ़ारस ( आज का ईरान ) को एक महान सा ा म िव ा रत िकया . 539 BC उसने Babylon पर िवजय ा क और पकड़े गए इ ाए लयो ं को उनक भूिम पर लौटने क अनुमित दी उस के उ रा धका रयो ं के फ़ारसी यु ो ं के मा म से , फ़ारस Greece से आज के तुक और Mesopotamia स े होत े ए भारत और द ण स े उ री Africa तक फ ै ल गया फ़ारसी सा ा लगभग 200 वष तक अ म रहा आज के ईरान म Persepolis और Susa जैसे शहर इसक समृि को दशा ते ह राजा Darius थम ारा 518 BC म ािपत Persepolis म , िवशाल महल , hall और एक खज़ाना बनाया गया . Susa का शाही शहर भी भ प से सुस त था इस के महलो ं को र को ं और िव भ जानवरो ं को चि त करने वाली रंगीन चमकदार tiles से सजाया गया था जब सक र महान ने 331 BC म Susa पर िवजय ा क , तो उसे अपने सामान के प रवहन के लए हज़ारो ं ऊ ं टो ं और गधो ं क आव कता थी . Susa आज भी मौजूद है और दि ु नया के सब से पुराने ायी प से बसे शहरो ं म से एक है 800 BC स े भारत म िह ू धम का सार शु आ िह ू ं नाम सधु नदी से आया िव धम िह ू धम का आधार पिव , तथा - क थत वेद ह वे धािम क थाओ ं और लोगो ं के एक साथ रहने के तरीके को िनय त करते ह पुजारी , ज ा ण कहा जाता है , यह सुिन त करते ह िक उनका पालन िकया जाए मह पूण देवता िव ु , शव और ा ह उ और लोगो ं के पूव जो ं को ब लदान चढ़ाया जाता है ये अ र खा पदाथ होते ह िह ू लोग आ ा के दस ू रे शरीर म पुनज म िव ास करते ह धम म ान और योग जैसे मान सक और शारी रक ायाम शािमल ह लगभग 450 से 370 BC बौ धम क ापना करने वाले पहले बु गौतम स ाथ भारत म रहे भारत म ा ी लिप का उदय आ , जो आज भारत और द ण पूव Asia म मौजूद कई लिपयो ं क अ दत ू है . 334 और 325 BC के दौरान सक र महान ने फ़ारसी सा ा और राजधानी Persepolis को न कर िदया उस क सेना भारत प ंची 321 और 185 BC के म पहला भारतीय सा ा उ री भारत म ािपत आ इसका िव ार पािक ान और अफ़गािन ान तक था राजा अशोक ने 272 से 231 BC तक उ री और म भारत म एक िवशाल सा ा ािपत िकया उसने बौ धम का चार िकया भारत क सब से पुरानी इमारतो ं म से एक सांची का महान धािम क ूप म देश म बनाया गया बौ धम म देवताओ ं क पूजा नही ं क जाती यह िव धम थम बु स ाथ गौतम क श ाओ ं पर के त है यह जीवन म लालच , घृणा और अ ानता से बचते ए तथा - क थत म माग खोजने के बारे म है अ े , अनुकरणीय वहार और सभी जीिवत ा णयो ं के ित क णा के मा म से , बौ ो ं को दख ु से बचना चािहए और सव - ापी ान ा करना चािहए इसका ल िनवा ण यािन आ ान : है , यािन सभी अपूण ताओ ं पर काबू पाना 200 BC के आस पास द ण भारत म तीन सा ा ािपत ए . Bactrian और Parthian के ईरानी जातीय समूहो ं ने भारत पर आ मण िकया . 100 BC के आस पास बौ धम पूरे Asia म फ ै ला आ था यूनािनयो ं और खानाबदोश जनजाितयो ं ने भारत पर आ मण िकया भारत से फ़ारस का BC तक का सं ेप इितहास © pixabay 2014 म Fellbach-Schmiden म ' लयब gymnastic' (RSG) के ' रा ीय team दश न के ' के दो पूव कम चा रयो ं के खलाफ़ एक gymnast को अवैध दवा देने क को शश के जुम म 90 दैिनक दर का जुमा ना लगाया गया पूव coach Natalia Stepanova और पूव DTB team boss Karina Pfennig न े drug कानून के उ ंघन के साथ - साथ खतरनाक शारी रक नुकसान प ंचाने का यास िकया था उ ोन ं े एक athlete को दवा दी थी जसे सं मण के कारण break लेना पड रहा था लेिकन antibiotic capsule, जो सं मण के खलाफ़ मदद नही ं कर सकते थे , पूव Europe से आए थे और Germany म ीकृत नही ं थे त ालीन 16 वष य gymnast ने वे दवाएं नही ं ली ं German gymnastic association (DTB) 2014 क गिम यो ं म Karina Pfennig स े अलग हो गई और October म Stepanova से © pixabay अपने सपनो ं को कैसे हा सल कर यिद सब कुछ स व हो तो आप ा करना चाह गे? यिद हम अपने भीतर गहराई से सुन , तो देर-सबेर हम उ र िमल ही जाएगा. हम बस अपने आप से सही पूछने के लए कुछ समय चािहए. अभी कैसा रहेगा? इस लेख के साथ हम आपको जीवन म अपने ि गत सपनो ं का पता लगाने के लए और अ त: उ ि या त करने के लए आम त करते ह . हर चीज़ हमेशा अस व लगती है जब तक िक पूरी ना हो जाए Nelson Mandela (1918-2013) ा आपने अनायास ही कुछ ऐसी चीज़ो ं के बारे म सोचा है जो आप करना चाहते ह ? यिद नही , ं तो बे झझक अपनी क ना को थोड़ा ध ा द और कुछ minutes के लए इस के बारे म सोच या इससे भी बेहतर : अपने भीतर महसूस कर िक कौन से िवचार आपको े रत करते ह और जन से आपको अ ा महसूस होता है यह बेतुका लग सकता है लेिकन त सपने देखना समय क बरबादी नही ं है , ब यह हमारी रचना कता और म के लए अ ा है इससे हमारा म अपने ारा पूछे गए ो ं के उ र खोजने के लए श त होता है हमारी ऊजा हमारे focus का अनुसरण करती है : जैसे ही हम सोचते ह िक कुछ अस व है , हम हमेशा कारण ढूंढ ल गे िक यह स व ो ं नही ं है इस लए यिद आप हर असामा िवचार के बारे म सोचते ह िक यह वैसे भी काम नही ं करेगा , तो आपको खुद से पूछना चािहए : यह कैसे काम कर सकता है ? अ र हम रचना क समाधान तलाशना भूल जाते ह यह अकारण नही ं है िक अनुभवी मान सक श क हम इस बात से अवगत होने के लए कहते ह िक हम वा व म ा चाहते ह ोिंक तभी हमारा म इसे साकार करने के तरीके खोजेगा शायद हर बड़ा सपना सच नही ं होगा और अ म प रणाम मूल इ ा से िब ुल अलग हो सकता है लेिकन इसका मतलब यह नही ं है िक सपने को पूरी तरह से भुला िदया जाए जो कोई भी आगे क सोचता है और लगातार खुद को नया प देता है , उसे नए रा े और समाधान िमल जाएंगे एक अनुकू लत ि का काया यन हम कुछ पूरी तरह से अलग और ब त अ धक मह पूण सखा सकता है : अ म यह मायने नही ं रखता है िक हम ने एक िव श ल हा सल कर लया है , ब यह िक हम इसे कैसे आकार देते ह और अनुभव करते ह जीवन के सपनो ं को अमल म लाने का मतलब सब कुछ पाना नही ं है कभी - कभी हम एक चीज़ के लए कुछ और छोड़ना पड़ता है जैसे अपने पीछे एक अ नौकरी और ि य सह - किम यो ं को छोड़ कर उस ान पर एक नया अ बनाने के लए जाना जस के लए हम तर े ह अपनी जीव ता को महसूस करने के लए अपना सुर त आराम े छोड़ सुर त रा ा चुनने के बजाय एक ि - कोण के लए लड़ यिद आप अपने सपनो ं को साकार करना चाहते ह तो कभी - कभी आप असफ़ल होग ं े लेिकन ये चुनौितयां ह जन से हम सीखते ह और आगे बढ़ते ह इससे कोई फक नही ं पड़ता िक यह जीवन का कौन सा े है : गहन अनुभव और जीव भावनाएं सब से क मती यादो ं को ज देती ह नीचे कुछ और सुझाव ह जन के ारा आप अपने जीवन के सपनो ं म गहराई से उतर और उ साकार कर सकते ह ख़ुशी अपने अ र ही है कुछ सवाल ह जो हम सभी को खुद से पूछने चािहए अपने लए कुछ ण िनकाल , िकसी अ जगह पर बैठ , चाहे घर के अ र हो या बाहर , और इन सवालो ं के बारे म सोच साथ ही एक पु का म लख आ खरी बार कब म सच - मुच ख़ुश आ था ? ह ापन , आ रक शांित , परमान , ेरणा ये वे भावनाएं ह जो हम ख़ुश होने पर महसूस करते ह एक ण के लए क और उन णो ं को याद कर जब आपने खुद को उ ाहपूण और जीव महसूस िकया था आप िकस बात का इ ज़ार कर रहे ह ? अ र हम िदमाग से और उस तरीके से काय करते ह जस क हम से और हमारे आदश से अपे ा क जाती है हम सोचते ह िक हम तभी ख़ुश होग ं े जब हम यह और वह हा सल कर ल गे हम अ र भूल जाते ह िक एक ब े के प म अपनी भावनाओ ं और अ ा न पर भरोसा करना िकतना आसान था , हम अपने आस - पास क हर चीज़ को भूल जाते ह और बस यहां और अभी का आन लेते ह म कैसे पता लगाऊ ं िक म वा व म ा चाहता ं ? हर कोई सुखी और स ु जीवन जीना चाहता है लेिकन हम इसे कैसे हा सल कर ? ब त से लोग नही ं जानते िक वे वा व म ा चाहते ह ोिंक उ ोन ं े केवल यह देखा है िक दस ू रे ा कर रहे ह , और उनक नक़ल कर रहे ह हमारे कपडो ं क पस से ले कर हमारे वहार और आदश तक , हम खुद को दस ू रे लोगो ं से भािवत होने देते ह और कम से कम सवाल करते ह िक हम खुद ा कर रहे ह और ा यह वा व म वही है जो हम चाहते ह पहली नज़र म यह कभी - कभी आसान लगता है , लेिकन यह हम दीघ - का लक प से ख़ुश नही ं करता है इस के बजाय , हम इस त के बारे म अ धक जाग क होना चािहए िक कोई भी हम यह नही ं बता सकता िक हम कैसे जीना चािहए - चाहे वह नौकरी हो , ार हो , हम कहां रहते ह या जीवन के ित हमारा ि - कोण ा हो हमारे पास अिव सनीय सं ा म िवक ह लेिकन सम ा अ र यही ं होती है : हम इस त ता से अ भभूत होते ह और क थत प से अ धक जिटल माग से बचते ह और अब अपने आप से पूछ : म वा व म ा चाहता ं ? क ना ान से अ धक मह पूण है ोिंक ान सीिमत है Albert Einstein (1879-1955) ि गत ख़ुशी क तीन युि यां 1. यिद आप अपनी क ना को खुला छोड़ द , तो एक उ म िदन कैसा िदखेगा ? इसे लख ल - चुनाव आपका है Harvard के एक अ यन के अनुसार , जो लोग अपन े ल और ि - कोण को लखते ह उनके उ हा सल करने क स ावना काफ़ अ धक होती है 2. हम सभी अ े पुरान े प और िवप क सूची को जानत े ह यह वा व म " म वा व म ा चाहता ं ?" के का उ र देने म मदद कर सकती है बस अपने मन क नही , ं ब अपने अ म न क सुन और लख अपनी भावनाओ ं पर ान के त कर और सचेत प से अपने आप से पूछ : म कहां जाना चाहता ं , भले ही मेरा िदमाग मुझे पूरी तरह से कुछ अलग बताता हो ? मेरा अ ा न मुझे ा बताता है ? 3. यादा मत सोचो , बस करो ! यह जानन े के लए िक ा कोई चीज़ हम सच - मुच ख़ुश करती है , हम उसे आज़माना होगा आप यह कैसे पता लगा सकते ह िक ा आपको वा व म नृ पस नही ं है , यिद आपने कभी प से महसूस नही ं िकया है िक संगीत और लय का हम पर ा भाव पड़ता है ? लगातार बने रहना मह पूण है कुछ चीज़ो ं के लए थोड़े अ ास क आव कता होती है रचना कता िदमाग से शु होती है : िदवा देखना ो ं मह पूण है . " ा आप िफर से हवा म देख रहे ह ?" हमारे समाज म िदवा का अनु चत प से नकारा क अथ िनकाला जाता है जो कोई भी अ र अपने िवचारो ं को भटकने देता है , उसे ज ही एक अिव सनीय पंथी के प म देखा जाता है लेिकन मनो - वै ािनको ं का अनुमान है िक औसतन हम अपने जागने के समय का लगभग पचास ितशत समय िदवा देखने और autopilot पर िबताते ह ; यानी िकसी गितिव ध को करते समय अ चीज़ो ं के बारे म सोचना , योजनाएं बनाना और अनुभवो ं पर िवचार करना आ य - जनक बात यह है िक तथा - क थत उ ेजना - त सोच , क ना , रचना कता और सम ा - समाधान कौशल को उ े जत करती है अ र हम केवल उस समाधान के बारे म ही जानते ह जो हम ने पहले िदवा म पाया था इस लए सपने देखते समय िदमाग को कोई break नही ं िमलता , ब वह पूरी गित से चलता है दभ ु ा से , कुछ लोग शी ही नकारा क च न क ओर चले जाते ह जैसे ही हम नकारा क ंृखलाओ ं का अनुभव कर , हम ढ़तापूव क उ सकारा क ंृखलाओ ं से बदल देना चािहए रचना क िदवा का सचेत प से बैठ कर , टहलने के लए जा कर , या यहां तक िक घर के काम करने के दौरान अ ास िकया जा सकता है इस दौरान एक इरादा िनधा रत कर लेिकन ल नही ं जैसे ख़ुश और जीव महसूस कर लेिकन इस के फल से अ भभूत ना हो ं उन चीज़ो ं को छोड़ द जो आप पर बोझ डालती ह और खुद को नई चीज़ो ं के लए खोल अपनी क ना को खुला छोड़ द और इसे अपनी सोच को सीिमत नही ं रख हम स ावनाओ ं क सीमाओ ं को कैसे पार करते ह : Roger Bannister भाव 1954 म एक अं ेज़ छा और म म दर ू ी के धावक Roger Bannister न े कुछ अिव सनीय हा सल िकया उसन े एक मील क दौड़ को 03:59 minute म , यानी चार minute से भी कम समय म पूरा िकया , जसे पहले अस व माना जाता था लेिकन िव record टूटने के बाद इतने सारे धावको ं का मान सक अवरोध टूट गया िक 1955 के अ तक 300 से अ धक लोग चार minute से कम समय म दौड़ने म कामयाब रहे एक ि ने अपनी इ ा - शि और िव ास के मा म से जो हा सल िकया उस का दस ू रो ं पर ायी भाव पड़ा आपका ल , आपका सपना आपक आंखो ं के सामने प से िदखाई देने लगा है अब काय वाही करने और अपने ल के करीब प ंचने का समय आ गया है इ ा पूित छह चरणो ं म : 1. इरादा : म ा हा सल करना चाहता ं और ो ? ं 2. स : इस म मुझ े ा उ ािहत करता है ? म इस के साथ ा महसूस करना चाहता ं ? 3. समाधान ढूंढना : म ल कैस े ा कर सकता ं ? ा काम नही ं कर रहा और वह कैसे ठीक हो सकता है ? 4. साहस : म अपन े ल के ित कैस े खड़ा रह सकता ं ? मुझ े िकस चीज़ का डर है ? 5. ि या : म अपन े ल को ा करन े के लए आज ा कर रहा ं ? 6. च न : म न े पहल े ा सीखा है और म अलग तरीके स े ा कर सकता ं ? भिव उनका है जो अपने सपनो ं क स ाई पर िव ास करते ह . Eleanor Roosevelt (1884-1962) © pixabay कोई भी ंजन खाते समय हम कुछ ही seconds म तय कर लेते ह िक यह ंजन मीठा है या नमक न, कड़वा है या ख ा या एक मांसल-िदल-कश ाद जसे Umami कहते ह . हम यह भी तय कर लेते ह िक यह ािद है या नही. ं इस अ समय म इतना कुछ तय कर लेने के पीछे एक काफ़ जिटल ि या है जो िव भ कारको ं से भािवत होती है. इस लेख म हम जान गे िक हम पांच ादो ं म अ र कैसे करते ह , '