QCA (Elementary Computer Application ) S ection - A Q 1. हायब्रिड C omputer को परिभाषित कीजिये Ans - हाइब्र िड क ं प् यूटर ( Hybrid Computer) ऐसे क ं प् यूटर होते हैं जिनमें एनालॉग क ं प् यूटर और डडजिटल क ं प् यूटर क े गुणों का समावेश होता है। इस क ं प् यूटर ससस् टम क े अंतगगत डडजिटल मशीन और एनालॉग मशीन दोनों एक साथ काम करते हैं , अथागत हाइब्र िड क ं प् यूटर एनालॉग और डडजिटल क ं प् यूटर का संयोिन ( combination) हैं। Q 2. ब्र िट क् या है Ans - ब्र िट (Binary Digit) डेटा की सिसे छोटी इकाई होती है जिसे क ं प् यूटर प्र ोसेस और स् टोर कर सकता है। इसे 0 या 1 क े रू प में दशागया िाता है। Q 3. PR OM को परिभाषित कीजिये Ans - PR OM रोम एक डडजिटल मेमोरी का रू प है िो डडवाइस क े ननमागण क े िाद सामग्री को एक िार िदला िा सकता है। क् योंकक इसक े डेटा स् थायी होते है और इसमें स् टोर ककए गए डेटा को िदला नही िा सकता है। इसीसलए यह एक Read Only Memory का प्र कार है Q 4. EBCDI कोड का वर्णन किें Ans - EBCDIC का अथग एक्सटेंडेड िाइनरी कोडेड डेसीमल इंटरचेंि कोड है , िो मुख् य रू प से IBM मेनफ़्र े म और IBM मध्यम - श्र े णी वाले क ं प् यूटर ससस् टम पर उपयोग ककया िाने वाला आठ - ब्र िट अक्षर वाला एन्कोडडंग होता है । इसका उपयोग संयुक् त राज् य अमेररका में मेन फ्र े म क ं प् यूटर क े सलए ककया गया था। Q 5. W ild Card क् या है। Ans - Computing की भाषा में , एक wildcard refer करता है एक ऐसे character को जिसे की substitute ककया िा सकता है zero या उससे ज़् यादा characters क े स् थान पर एक string में। Q 6. D esktop T heme क् या होती है ? Ans - D esktop थीम डेस् कटॉप पृष् ठभूसम चचत्र ों , ववंडो रंगों और ध् वननयों का एक संयोि न है। यहााँ से डाउनलोड किें - VMOU Solved Assignment S ection - B Q 2. ASCII कोड पि संक्षिप्त टटप्पर्ी ललखिए Ans - ASCII का पूरा नाम American Standard Code for Information Interchange ( अमेररकन स् टैण्डडग कोड फॉर इनफामेशन इंटरचेंि) होता है। ASCII कोड एक डाटा एनकोडडंग फॉरमेट है जिसका इस् तेमाल दो क ं प् यूट रों क े िीच कम् युननक े शन क े सलए ककया िाता है. ASCII पहला character set होता है जिसका इस्तेमाल इन्टरनेट में computers क े िीच ककया िाता है. इस कोड में number, uppercase lowercase English letter, और symbol शासमल होते हैं. यह एक 7 b it कोड होता है िो 128 अलग - अलग characters को प्र स् तुत कर सकता है. ASCII को पहली िार वषग 1963 में X3 committee क े द् वारा ववकससत ककया गया था। इसका पहला वशगन ( ASA X3.4 - 1963) था। Q 3. िैच लसस्टम क् या है। िैच system क े षवलभन्न फायदे औि नुकसान ललखि Ans - Batch operating system एक ऐसा ऑपरेटटं ग ससस्टम होता है जिसक े साथ यूिर direct ( सीधे) interact नही कर सकता। इसमें एक तरह की jobs को एक batch में रखा िाता है। इसमें Jobs को batch में रखने का काम ऑपरेटर का होता है। िैच ऑपरेटटंग ससस्टम में jobs को batch में रखकर execute ककया िाता है। िैच ऑपिेटटंग लसस्टम क े फा यदे • 1 – इसमें एक तरह की jobs को batch में रखा िाता है। batch में रखी गयी jobs को एकसाथ तेिी से execute ककया िाता है जिससे समय की िचत होती है। • 2 – ककसी job को execute होने में ककतना समय लगेगा इस िात का पता batch operating system क े द् वारा लगाया िा सकता है। • 3 – यह िडी िडी jobs को आसानी से manage कर सकता है। • 4 – यह C PU की काम करने की क्ष मता को िढा देता है और इसक े साथ साथ यह CPU की performance को भी िढा देता है। िैच ऑपिेटटंग लसस् टम क े नुकसा न • 1 – इसमें debugging करना काफी ज् यादा मुजककल है। इसका मतलि यह है की इस ऑपरेटटंग ससस्टम में कसमयों को ढूढना और उनमे सुधार करना काफी ज् यादा मुजककल होता है। • 2 – यह िहुत ही expensive ( महंगा) होता है। • 3 – इसमें jobs एक sequence ( क्र म) में हो ती है। जिस क े कारण अगर कोई jo b complete नहीं हुई। तो िची हुई jobs को इंतजार करना पडता है। जिसमे काफी समय ििागद हो िाता है। • 4 – इसमें यूिर सीधे computer क े साथ interact नहीं कर सकता। यानी डायरेक्ट computer को command नहीं दे सकता। जिसक े कारण user को काफी समस्या ओ का सामना करना पडता है। Q 4. टाइम शेयरिंग लसस्टम से आप क् या समझते हैं ? टाइम शेयरिंग लसस्टम क े फायदे औि नुकसान क् या है ? Ans - Time S haring Operating System एक ऐसा आपरेटटंग ससस्टम होता है जिसमें यूजर एक समय में एक से ज् यादा tasks ( कायों ) को पूरा क र सकता है। इसमें प्र त् येक task ( कायग) को िरािर time टदया िाता है। इससलए इसे Time Sharing Operating System कहते हैं। यह यूिर को एक समय में एक से अचधक कायग करने में मदद करता है और प्र त् येक कायग को एक समान समय ( same time) में execute ककया िाता है । टाइम शेय रिंग ऑपिे टटंग लसस्टम क े फायदे • इस ऑपरेटटंग ससस्टम में response time तेि होता है। • इसमें सभी कायो को एक ननजकचत समय ( fixed time) टदया िाता है जिसक े कारण कायग सही तरीक े से हो पाते है। • यह ररस् पांस टाइम में सुधार करता है। • इसका उपयोग करना आसान है। • यह user frie ndly है। टाइम शेयरिंग क े नुकसा न • यह ज् यादा मात्रा में संसाधनों ( resources) का उपयोग करता है। • यह ववकवशनीय ( reliable) नहीं है। • इसमें डेटा और यूिर प्र ोग्र ाम कम सुर क्ष क्ष त होता है। • इसमें डेटा संचार ( data communication) की समस्या होती है। Q 5 क ं प् यूटि वायिस क् या है ? षवलभन् न प्र काि क े क ं प् यूटि वायिसों का वर्णन कीजिए ? Ans - क ं प् यूटर वायरस एक ऐसा प्र ोग्राम है िो अपने आप को दोहरा सकता है और अपने आप को एक कायगक्रम या फाइलों क े सा थ संलग्न कर ससस्टम क े ज्ञ ान क े ब्र िना उसको संक्रसमत कर सकता है । एक क ं प् यूटर वायरस एक समूह से दूसरे में संक्र समत फाइलों को साझा करने से या अववकवस् नीय सूत्र ों से संक्र समत फाइलों को डाउनलोड कर क े फ ै लाया िा सकता है। क ं प् यूटि वायिस क े प्र काि : • िूट सेक् टि वायिस - यह एक प्र कार का वायरस है िो फ् लॉपी डडस् क क े िूट सेक् टर या हाडग डडस् क क े मास् टर िूट ररकॉडग (एमिीआर) को संक्रसमत करता है। िूट सेक् टर में वे सभी फा इलें शासमल होती हैं िो क ं प् यूटर क े ऑपरेटटंग ससस् टम को शुरू करने क े सलए आवकयक होती हैं। • डायिेक्ट एक्श न वायिस - िि कोई वायरस खुद को सीधे . exe या . com फा इल से िोडता है और इसक े ननष्पादन क े दौरान डडवाइस में प्र वेश करता है तो इसे डायरेक्ट एक्शन वायरस कहा िाता है। यटद यह मेमोरी में इंस्टॉल हो िाता है तो यह अपने आप को नछपाकर रखता है। • िेजिडेंट वायिस - एक वायरस िो खु द को क ं प् यूटर की मेमोरी में सहेिता है और कफर अन् य फाइलों और प्र ोग्र ामों को संक्र समत करता है िि उसका मूल प्र ोग्र ाम काम नहीं कर रहा होता है। यह वायरस अन्य फाइलों को आसानी से संक्रसमत कर सकता है क् यों कक यह मेमोरी में नछपा होता है और इसे ससस्टम से ननकालना कटठ न होता है। • मल्टीपाटाणइट वायिस - एक वायरस िो पहले से संक्र समत क ं प् यूटर क े िूट सेक् टर और ननष् पादन योग् य फाइलों दोनों पर हमला कर सकता है , उसे मल्टीपाटागइट वायरस कहा िाता है। • ओवििाइट वायिस - सिसे हाननकारक वायरस में से एक , ओवरराइट वायरस मौिूदा प्र ोग्र ाम को पूरी तरह से हटा सकता है और इसे ओवरराइट करक े दुभागवनापूणग कोड से िदल सकता है। • पॉलीमॉ र् फणक वायिस - स् पैम और संक्रसमत वेिसाइटों क े माध्यम से फ ैलता है , पॉलीमॉकफगक वायरस फाइल संक्रामक होते हैं िो िटटल होते हैं और उनका पता लगाना कटठन होता है। वे मौिूदा प्र ोग्र ाम का एक संशोचधत या रू पांत ररत संस्करण िनाते हैं और ससस्टम को संक्रसमत करते हैं और मू ल कोड को िरकरार रखते हैं। • फाइल इन्फ े क् टि वायिस - िैसा कक नाम से पता चलता है , यह पहले एक फाइल को संक्रसमत करता है और कफर िाद में अन्य ननष्पादन योग्य फाइलों और प्र ोग्रामों में फ ैल िाता है। इस वायर स का मु ख् य स्र ोत गेम और वडग प्र ोसेसर हैं। • स् पेसर्फलि वायि स - यह एक दुलगभ प्र कार का वायरस है िो फाइल क े खाली स् थानों को वायरस से भर देता है। इसे क ैववटी वायरस क े नाम से िाना िाता है। इससे न तो फाइल क े आकार पर असर पडेगा और न ही आसानी से इसका पता लगाया िा सक ेगा। • मैक्रो वायिस - एक वायरस िो सॉफ्टवेयर प्र ोग्राम में उपयोग की िाने वाली मैक्रो भाषा में सलखा िाता है और यटद कोई वडग प्र ोसेसर फाइल खोली िाती है तो क ं प् यूटर को संक्रसमत कर देता है। मुख् य रू प से ऐसे वायरस का स्र ोत ईमेल क े माध्यम से होता है S ection - C Q 1. क ं प् यूटि मेमोिी क् या है ? मेमोिी क े षवलभन्न प्र कािों को समझाइए। Ans - क ं प् यूटर मेमोरी वह स् टोरेि स् पेस होता है िहां डाटा को प्र ोसेस करना होता है , और प्र ोसेससंग क े सलए आवकयक ननदेश संग्रटहत ( Store) होते हैं , मेमोरी वह िगह है िहां क ं प् यूटर , प्र ोग्राम और डाटा को संग्र टहत करता है. मेमोरी क ं प् यूटर का िहुत ही िरू री टहस् सा हो ता है क् योंकक मेमोरी क े ब्र िना हम क ं प् यूटर में कोई भी काम नहीं कर सकते हैं , यटद हमें क ं प् यूटर को कोई भी ननदेश देना है या कफर ककसी भी तरह का डाटा इनपुट करना है तो उसक े सलए भी मेमोरी की िरू रत पडती है. क ं प् यूटर में मेमोरी मदरिोडग में लगी होती है जिसमें प्र ो ग्र ाम तथा डाटा स् टोर होते हैं और िि भी सीपीयू को ककसी भी तरह की प्र ोसेससंग क े सलए डाटा तथा प्र ोग्राम की िरूरत पडती है तो वह सीधे मेमोरी को एक्सेस करता है , और जिस तरह का डाटा की िरूरत पड ती है वह मेमोरी से ले सलया िाता है. मेमोरी हमारे मजस्तष्क की तरह ही हो ती है जिसका उपयोग डाटा और ननदेशों को संग्रटहत करने क े सलए ककया िाता है , क ं प् यूटर में मुख् य रू प से दो प्र कार की मेमोरी होती है , प्र ाथसमक मेमोरी और सेक ें डरी मेमोरी. मेमोिी क े प्र काि 1. प्र ा थलमक मेमोिी ( Primary Memory) - Primary Memory क ं प् यूटर की मुख् य मेमोरी होती है जिसे सीधे सेंट्र ल प्र ोसेससंग यूननट द् वारा एजक्सस ककया िाता है , यह मेमोरी सूचनाओं को अस्थाई रू प से संग्रटहत करक े रखती है अथागत करंट क े िंद होते ही सूचनाएं नष् ट हो िाती है प्राथसमक मेमोरी , सेक ें डरी मेमोरी क े मुकािले ज् यादा महंगी होती है , तथा इसक े कायग करने की गनत िहुत ही तीव्र होती है , प्र ाथसमक मेमोरी क ं प् यूटर में स् थाई रू प से लगी होती है और इसे एक स् थान से दूसरे स् थान पर नहीं ले िा सकते , प्र ा थसम क मेमोरी मुख् यतः दो प्र कार की होती है. प्र ाथसमक मेमोरी दो प्र कार की होती है. 1. रैम ( RAM) 2. रोम ( ROM) A. िैम ( RAM) – रैम ( RAM) मेमोरी का पूरा नाम Random Access Memory है , रैम में क ं प् यूटर में वतगमान में ककया िा रहे कायों का डाटा स् टोर हो ता है , यह एक Read / Write मेमोरी है िो क ं प् यूटर क े काम करने तक डाटा को स् टोर रखती है और िैसे ही क ं प् यूटर को िंद ककया िाता है यह डाटा को सम टा देती है. रैम का उपयोग सरवर , मोिाइल , क ं प् यूटर , टेिलेट आटद उपकरणों में भी ककया िाता है और रैम क े SRAM और DRAM दो मुख् य प्र का र होते हैं. B. िोम ( ROM ) – रोम ( ROM) मेमोरी का पूरा नाम Read Only Memory है , इसमें जस्थत डाटा को ससफ ग पढ सकते हैं यह देख सकते हैं एडडट और डडलीट नहीं कर सकते हैं. इस प्र कार की मेमोरी Non - Volatile मेमोरी होती है , और ननमागण क े द् वारा रोम मेमोरी में प्र ोग्राम स् थाई रू प से संग्रहीत कक या िाता है. रोम ( ROM) मेमोरी में ऐसे प्र ोग्राम को संग्रटहत ककया िाता है िो क ं प् यूटर को शुरू करने क े सलए आवकयक होते हैं , इस ऑपरेशन को िूटस् ट्र ै प क े रू प में िाना िाता है , रोम ( ROM) मेमोरी का उपयोग ससफ ग क ं प् यूटर में ही नहीं िजल्क अलग - अलग इलेक्ट्रॉननक मशीनों में भी ककया िाता है. रोम ( ROM) मेमोरी मुख् यतः PROM, EPROM और EEPROM तीन प्र कार की होती है. 2. सेक ें डिी मेमोिी ( Secondary Memory) – सेक ें डरी मेमोरी ( Secondary Memory) वह िगह है िहां पर डाटा और ननदेशों को लंिे समय तक स् टो र करक े रखा िाता है , सेक ें डरी मेमोरी क े रू प में हाडग डडस्क और ऑजप्टकल डडस्क का सवागचधक उपयोग ककया िाता है , सेक ें डरी मेमोरी िैसे की हाडग डडस् क में भंडारण क्ष मता िहुत अचधक होती है और इसमें अचधक से अचधक डाटा को लंिे समय तक स् टोर कर सकते हैं. हाडग डडस् क क ं प् यू टर क े अंदर ल गी होती है , जिसका उपयोग स् थाई रू प से िडी मात्रा में डाटा और प्र ोग्राम को स् टोर करने क े सलए ककया िाता है. यह मेमोरी प्र ाथसमक मेमोरी क े मुकािले सस्ती होती है. सेक ें डरी मेमोरी हाडग डडस्क , फ् लॉपी डडस्क , पेन ड्र ाइव , मेमोरी काडग , सीडी , डीवीडी औ र ऑजप्टक ल डडस्क िैसे अलग - अलग प्र कार की होती है इन्हें उपयोग करने क े सलए क ं प् यूटर में अलग से लगाया िाता है इससलए यह क ं प् यूटर की सेक ें डरी मेमोरी कहलाती है इनका उपयोग करक े सूचनाओं को एक क ं प् यूटर से दूसरे क ं प् यूटर में आसानी से ले िाया िा सकता है. 3. Cache Memo ry ( क ै श मेमोिी ) Cache Memory एक तेि गनत से काम करने वाली मेमोरी है जिसका इस् तेमाल सीपीयू की स् पीड तथा परफॉरमेंस को िढाने क े सलए ककया िाता है। क ै श मेमोरी एक हाई - स् पीड मेमोरी है जिसका आकार तो छोटा होता है लेककन प्र ाइमरी मेमोरी से तेि होती है। इस मेमोरी को ए क् सेस करना आसान है और CPU इसे तेि गनत से एक्सेस करता है। इस मेमोरी को अन्य डडवाइस क े द् वारा एक्सेस नहीं ककया िा सकता िजल्क इसे क े वल CPU क े द् वारा ही एक्सेस ककया िा सकता है। क ै श मेमोरी में उस डेटा या फाइलों को स् टोर ककया िाता है जिनका इस्तेमाल CPU ननयसमत रू प से करता है। िि भी सीपीयू को कोई डेटा चाटहए होता है तो सीपीयू सिसे पहले उस डेटा को क ै श मेमोरी में ढूंढता है। 4 Register ( िजिस्टि ) रजिस्टर क ं प् यूटर की सिसे छोटी मेमोरी होती है और काफी तेि होती है। Register का प्र योग CPU क े द् वारा िहुत सारे कायों को पूरा करने क े सलए ककया िाता है। िि हम कोई इनपुट क ं प् यूटर को देते है तो ये इनपुट रजिस् ट र में store हो िाते है और क ं प् यूटर क े प्र ोसेससंग क े िाद िो आउटपुट समलता है वो भी register से ही प्र ाप्त होता है। तो हम कह सकते है कक register का प्र योग CPU क े द् वारा data को प्र ोसेस करने क े सलए ककया िाता है। यह मुख् य मेमोरी का टहस्सा ब्र िलक ु ल नहीं है। यह मेमो री temporary डेटा और ननदेशों को स् टोर करती है जिन ननदेशों का उपयोग तुरंत ककसी कायग को करने क े सलए ककया िाता है। क ं प् यूटर क े कायग करने की स् पीड उसमें मौिूद रजिस् टर की संख् या पर ननभगर होती है। अथागत ् क ं प् यूटर में जितने ज् यादा रजिस्टर होंगे उतनी ही ज् या दा क ं प् यूटर की स् पीड होगी. Q 3 प्र ोटोकॉल क् या है ? षवलभन्न प्र काि क े प्र ोटोकॉल को षवस्ताि से समझाइए Ans - Protocol ननयमों का एक समूह होता है जिसका इस् तेमाल एक क ं प् यूट र से दूसरे क ं प् यूटर में डेटा को ट्र ान्सफर करने क े सलए ककया िाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो , “ प्र ोटोकॉल ननयमों ( rules) का एक समूह ( set) होता है जिसका उपयोग data को send और receive करने क े सलए ककया िाता है.” प्र ोटोकॉल शब्द का मतलि है “ ननयमों का समूह ”. क ं प् यूटर नेटवक ग में data क े आदान - प्र दान क े सलए भी क ु छ ननयम िनाये ग ये हैं जिसे ही प्र ोटोकॉल कहा िाता है। क ं प् यूटर नेटवक ग में , प्र ोटोकॉल का प्र योग डडवाइसों और क ं प् यूटरों क े िीच डेटा को format करने , transmit करने और receive करने क े सलए ककया िाता है.” ब्र िना protocol क े हम इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते है. प्र ोटोकॉल क े प्र का ि 1 - TC P TCP का पूरा नाम Transmission Control Protocol ( ट्र ांससमशन कण्ट्रोल प्र ोटोकॉल) है। यह एक ऐसा प्र ोटोकॉल है िो IP ( इंटरनेट प्र ोटोकॉल) क े साथ काम करता है। यह एक ट्र ांसपोटग लेयर प्र ोटोकॉल जिसका इस्तेमाल अलग अलग डडवाइस क े ब्र िच संचार ( communication) क रने क े सलए ककया िाता है। इस प्र ोटोकॉल का उपयोग करक े हम सूचनाओं को ट्र ांसफर कर सकते है। इस प्र ोटोकॉल का मुख् य कायग डेटा को छोटे छोटे टुकडो में तोडना होता है और इस डेटा को IP लेयर पर भेिना होता है। यह प्र ोटोकॉल हमे यह िताता है की एक क ं प् यूटर दुसरे क ं प् यूटर को क ै से डेटा भे िता है। यह प्र ोटोकॉल नेटवक ग में क ं प् यूटटंग डडवाइस क े िीच होने वाले संचार से पहले कनेक् शन को स् थावपत ( establish) करता है। 2 - I P इसका पूरा नाम Internet protocol ( इंटरनेट प्र ोटोकॉल) होता है। यह कई ननय मो का एक समूह ( set) है जिसका इस् तेमाल इंटरनेट पर कम् युननक े शन करने और डेटा ट्र ांसफर की प्र कक्रया को कण्ट्रोल करने क े सलए ककया िाता है। इसक े अलावा इसका इस्तेमाल डेटा पैक े ट को source से destination तक भेिने क े सलए ककया िाता है। इस प्र ोटोकॉल को TCP/IP या UDP/I P क े नाम से भी िाना िाता है िो connectionless ( कनेक्शन रटहत) सेवाएं प्र दान करता है। इंटरनेट प्र ोटोकॉल का पहला वशगन IPv4 था। इसक े िाद 2 006 में इसका दूसरा विगन ििार में आया जिसका नाम IPv6 था । यह एक लोकवप्रय प्र ोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल तेिी से ककया िाने लगा। 3 - UDP UDP का पूरा नाम User Datagram Protocol ( यूिर डायग्र ाम प्र ोटो कॉल) होता है। यह एक transport layer कम् युननक े शन प्र ोटोकॉल है जिसका उपयोग इंटरनेट पर कम् युननक े शन क े सलया ककया िाता है। UDP में डेटा को ट्र ांसफर करने से पहले कनेक्शन को स् थावपत करने की आवकयकता नहीं होती क् योकक यह एक connection - less ( कनेक्शन रटहत) प्र ोटोकॉल है। इस प्र ोटोकॉल का उपयोग ज् यादातर मनोरंिन िैसे (गेम खेलने , वीडडयो देखने ) क े सलए ककया िाता है। यह इंटरनेट प्र ोटोकॉल का एक टहस्सा होता है िो TCP की तुलना में कम ववकवसनीय ( reliable) होता है। 4 - POP P OP का पूरा नाम Post Office Protocol ( पोस्ट ऑकफस प्र ोटोकॉल) हो ता है। यह एक एजप्लक े शन लेयर प्र ोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल ईमेल ( email) भेिने और प्र ाप्त करने क े सलए ककया िाता है. इस प्र ोटोकॉल का उपयोग मैसेि ट्र ांसफर एिेंट क े रू प में ककया िाता है िो क् लाइंट से सवगर तक और कफर server तक message को भेिने में मदद करता है। यह दो प्र कार क े होते है पहला POP3 और दूसरा IMAP . 5 - SMTP SMTP का मतलि Simple Mail Transfer Protocol ( ससंप ल मेल ट्र ांसफर प्र ोटोकॉल) होता है। इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर क े द् वारा इंटरनेट पर ईमेल ( email) को भेिने क े सलए ककया िाता है। SMTP भी POP की तर ह ही है इसका इस्तेमाल भी ईमेल भेिने और प्र ाप्त करने क े सलए ककया िाता है. इस प्र ोटोकॉल में िहुत से communication guid elines होते है िो ईमेल को ट्र ांसफर करने में मदद करते है। इसमें हम वीडडयो , चचत्र , ऑडडयो और ग्र ाकफक्स िैसे डेटा को भेि सकते है। 6 - FTP FTP का पूरा नाम फाइल ट्र ान् सफर प्र ोटोकॉल ( File Transfer Protoco l) होता है। यह एक एप् लीक े शन लेयर प्र ोटोकॉल है जिसका उपयोग फाइलों को एक क ं प् यूटर से दुसरे क ं प् यूटर में ट्र ांसफर करने क े सलए ककया िाता है। यह प्र ोटोकॉल क ं प् यूटर में web page को ट्र ांसफर करने में मदद करता है। इस प्र ोटोकॉल को TCP/IP क े द् वारा ववकसीत ( develop) ककया गया है। इसका उपयोग करक े यूिर सवगर से फाइलों को download कर सकता है। यह फाइलों को एक transfer करते वक़्त तीन अलग अलग mode का उपयोग करता है , Block, stream और compressed. इसक े दो कनेक् शन होते है पहला कण् ट्र ोल कनेक् शन और दूसरा डाटा कनेक्शन। 7 – HTTP HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol ( हाइपर टेक्स्ट ट्र ांसफर प्र ोटोकॉल) है। यह एक प्र ोटोकॉ ल है जिसका उपयोग वल्डग वाइड वेि ( www) यानी कक इन्टरनेट में डेटा को एक्सेस करने क े सलए ककया िाता है। यह प्र ोटोकॉल डेटा को प् लेन टेक्स्ट , हाइपरटेक्स्ट , ऑडडयो , वीडडयो आटद क े रू प में ट्र ांसफर करता है। यह FTP क े समान होता है क् योंकक यह फाइलों को एक होस्ट से दूसरे होस् ट में ट्र ांसफर करता है। और FTP भी यही काम करता है। यह FTP की तुलना में काफी सरल होता है क् योकक यह फाइलों को ट्र ांसफर करने क े सलए एक कनेक्शन का उपयोग करता है। यह SMTP क े समान भी होता है क् योकक यह क् लाइंट और सवगर क े िीच डेटा को ट्र ांसफर ट्र ांसफर क रता है। 8 – HTTPS इसका पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol Secure होता है। यह HTTP का एक encrypted version है जिसका इस्तेमाल ज् यादतर ऑनलाइन शॉवपंग और िैंककंग को सुरक्ष ा प्र दान करने क े सलए ककया िाता है। HTTPS का इस् तेमाल वेिसाइट को सुरक्ष क्ष त करने क े सलए ककया िाता है जिससे कक कोई भी hacker वेिसाइट को हैक नहीं कर पाता और यूिर का डेटा चोरी नहीं कर पाता. इस प्र ोटोकॉल का उपयोग करक े हम िाउजर से ककसी भी वेिसाइट क े साथ संचार (communication) कर सकते है। यह एक सुरक्ष क्ष त प्र ोटोकॉल है जिसमे िाउजर तथा वेिसाइट क े ब्र िच जितना भी कम् युननक े शन होता है वह encrypted होता है। 9 - Telne t Telnet का पूरा ना म terminal network ( टसमगन ल नेटवक ग ) है िो लोकल क ं प् यूटर को अन् य क ं प् यूटर क े साथ कनेक् ट करने में मदद करता है। टेलनेट क् लाइंट/सवगर ससद्धांत ( client/server principle) पर काम करता है। इस प्र ोटोकॉल का उपयोग ज् यादतर क् लाइंट प्र ोग्र ाम और ररमोट क ं प् यूटर क े द् वारा ककया िाता है। 10 - Gophe r Gopher एक एजप्लक े शन - लेयर प्र ोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल वेि सवगर पर स् टोर ककये गये डाक् यूमेंट् स को एक् सेस करने सलए ककया िाता है। इस प्र ोटोकॉल क े माध् यम से हम डाक् यूमेंट् स को देख भी सकते है। यह प्र ोटोकॉल अलग अलग साइटों से डॉक् यू मेंट को खोिने , पुनप्र ागप् त ( re covering) करने और डडस्प्ले करने में मदद करता है